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लखनऊ

‘शादी प्रोत्साहन पुरस्कार योजना’ में आए 74000 से अधिक आवेदन, मुख्यमंत्री बोले- हर पात्र को मिले लाभ

गी सरकार सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के जिस मॉडल पर काम कर रही है, उसके केंद्र-बिंदु में राज्य के दिव्यांगजन भी हैं। समाज के इस संवेदनशील वर्ग के लिए सरकार न सिर्फ आर्थिक सहायता, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है।

लखनऊJul 07, 2025 / 06:28 pm

Avaneesh Kumar Mishra

CM Yogi Aaditynath, PC- IANS

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के जिस मॉडल पर काम कर रही है, उसके केंद्र में राज्य के दिव्यांगजन भी हैं। सरकार समाज के इस संवेदनशील वर्ग को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है। ‘शादी प्रोत्साहन पुरस्कार योजना’ इसका एक ज्वलंत उदाहरण है, जिसने दिव्यांगजनों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाना शुरू कर दिया है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक ‘शादी प्रोत्साहन पुरस्कार योजना’ के अंतर्गत 74,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सभी आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के स्पष्ट निर्देश दिए हैं, ताकि हर पात्र दिव्यांगजन को समय पर सहयोग मिल सके और वे अपने नए जीवन की शुरुआत सम्मान के साथ कर सकें।

मुख्यमंत्री का विजन और मंत्री का संकल्प

पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को रेखांकित करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य हर दिव्यांगजन को सम्मान और समान अवसर दिलाना है। उन्होंने ‘शादी अनुदान योजना’ को इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया, जो दिव्यांग दंपत्तियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त करती है। मंत्री ने विश्वास दिलाया कि इस वर्ष 74,000 से अधिक आवेदनों को समयबद्ध रूप से निस्तारित किया जाएगा ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी इस योजना से वंचित न रहे। डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों तक पहुंचे।

केवल आर्थिक सहायता नहीं, गरिमा की पुनर्स्थापना

योगी सरकार की यह योजना केवल एक आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में दिव्यांगजनों की गरिमा को पुनः स्थापित करने की एक ईमानदार कोशिश है। विवाह के अवसर पर मिलने वाला यह आर्थिक सहयोग उनके आत्मबल को बढ़ाता है और उन्हें अपने जीवन की नई शुरुआत करने में सशक्त बनाता है। यह पहल समाज में समावेशिता और सशक्तीकरण की एक नई मिसाल पेश कर रही है।

दोनों के दिव्यांग होने पर मिलते हैं 35000 रुपए

‘शादी विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना’ के तहत दिव्यांगजनों को विशेष प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। यदि युवक दिव्यांग है, तो उसे 15,000 रुपये, यदि युवती दिव्यांग है, तो 20,000 रुपये, और यदि दोनों दिव्यांग हैं, तो 35,000 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करती है, बिचौलियों की भूमिका को पूरी तरह समाप्त कर देती है।
बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के लिए 2.64 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया था, जिसमें से 1.92 करोड़ रुपये खर्च कर 819 लाभार्थी दंपत्तियों को सहायता प्रदान की गई।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करने की सुविधा के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के पात्र दंपत्ति इस योजना का लाभ उठा सकें। विभाग ने 74,000 से अधिक आवेदनों का शीघ्र सत्यापन और निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
योगी सरकार दिव्यांगजनों के लिए ‘शादी अनुदान योजना’ के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण योजनाएं भी संचालित कर रही है। इनमें दिव्यांगजन पेंशन योजना, कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण योजना, और दुकान निर्माण/संचालन ऋण योजना जैसी पहलें शामिल हैं, जो दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता कर रही हैं।
‘शादी अनुदान योजना’ इन समग्र प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि सामाजिक स्वीकार्यता और गरिमा को भी बढ़ावा देती है। यह योजना दिव्यांग दंपत्तियों को नया जीवन शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करती है और समाज में उनकी भागीदारी को मजबूत करती है, जिससे एक truly समावेशी समाज का निर्माण संभव हो पाता है।

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