- 29 मई 2025: सीतापुर के विकासखंड पहला की ग्राम पंचायत चुनका में बनी ढाई लख लीटर की जिंक एलम की टंकी स्ट्रक्चर के साथ गिर गई। जल जीवन मिशन के JE और AE को निलंबित कर दिया गया है। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के JE और AE को बर्खास्त कर दिया गया है।
- 26 अप्रैल 2025: लखीमपुर में ईसानगर के शेखुपर गांव में अचानक ढाई लाख लीटर की जिंक एलम की टंकी फट गई। हादसे में टंकी की बाउंड्रीवॉल और एक किसान की फसल चौपट हो गई।
- 19 अप्रैल 2025: कानपुर के रहीमनगर करीमनगर गांव में 2 लाख लीटर की जिंक एलम की टंकी फट कर अचानक गिर गई थी। बाउंड्रीवॉल और सोलर सिस्टम टूट गए।
- कासगंज के सोरों थाना क्षेत्र में 26 जून की रात को एक आवासीय कॉलोनी में ओवरहेड टैंक गिर गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपी ठेकेदार को गिरफ्तार किया था। यह टंकी 14 करोड़ रुपए से बनी थी।
- चित्रकूट में निर्माणधीन टंकी गिरने से एक की मौत: चित्रकूट में तो जल जीवन मिशन के तहत बन रही एक पानी की टंकी गिरने से एक मजदूर की मौत भी हो गई। यह घटना निर्माण स्थल पर सुरक्षा मानकों और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है।
2019 में शुरू किया गया था जल जीवन मिशन
जल जीवन मिशन भारत सरकार द्वारा अगस्त 2019 में शुरू की गई योजना है, जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर तक नल से जल पहुंचाना है। उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत 2024 तक 2.63 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों को कवर करने का लक्ष्य है।निगरानी: राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन (SWSM)
प्रमुख घटक: ओवरहेड टैंक, पाइपलाइन नेटवर्क, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स, हाउसहोल्ड कनेक्शन
मानक के अनुरूप चीजें न लगाना
जिंक-एलम टैंक: टंकियों में प्रयुक्त जिंक-एलुमिनियम मिश्रित प्लेटों की गुणवत्ता संदिग्ध है।घटिया RCC फाउंडेशन: फाउंडेशन की गहराई और मिक्सिंग मानकों के अनुरूप नहीं।
लोड टेस्टिंग नहीं: टंकी भरने से पहले पानी का लोड टेस्ट नहीं किया गया।
सुपरविजन की कमी: JE, AE स्तर पर निरीक्षण प्रायः कागजों तक सीमित रहा।
स्वतंत्र ऑडिट एजेंसी की निगरानी में कमी
भ्रष्टाचार चक्र: ठेकेदार → सब-ठेकेदार → स्थानीय आपूर्तिकर्ता तक कई स्तरों पर कमीशन का खेल।बिना थर्ड पार्टी ऑडिट: किसी भी प्रोजेक्ट पर स्वतंत्र ऑडिट एजेंसी की निगरानी नहीं।
टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियां: कई बार एक ही फर्म को अनेक जिलों में ठेके मिलना।
पूर्व रिपोर्ट्स और CAG की टिप्पणियां
CAG रिपोर्ट (2023): यूपी में जल जीवन मिशन के कई प्रोजेक्ट्स बिना कार्यान्वयन योजना के ही शुरू कर दिए गए।लोकायुक्त जांच: 2024 में ही लोकायुक्त ने अमेठी व रायबरेली में JJM में भारी गड़बड़ियों की जांच शुरू की थी।
इन पर की गई कार्रवाई
सीतापुर की घटना के बाद JE और AE को निलंबित व बर्खास्त करना एक अहम कदम माना गया है।कासगंज में गिरफ्तारी दिखाती है कि अब कार्रवाई हो रही है, लेकिन सिस्टमेटिक सुधार अभी दूर है।
कानपुर, लखीमपुर में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या कार्रवाई केवल दिखावे की है?