यूपी में पंचायत चुनाव से पहले बीजेपी की बड़ी चुनौती, नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन या बढ़ेगा कार्यकाल?
उत्तर प्रदेश को नया बीजेपी अध्यक्ष मिलने वाला है या भूपेंद्र चौधरी के कार्यकाल को ही आगे बढ़ाया जाएगा, इस पर अभी संशय बना हुआ है। अब तक 14 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है। अभी 12 राज्यों के अध्यक्षों की नियुक्ति होनी है। सभी की निगाहें यूपी पर टिकी हुई हैं।
भाजपा को मिलेगा नया प्रदेश अध्यक्ष या बढ़ेगा कार्यकाल? PC – पत्रिका डिजाइनिंग टीम।
उत्तर प्रदेश में 2026 की शुरुआत में पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं, जिन्हें 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा करेगी या फिर चुनावों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा नेतृत्व को ही आगे बढ़ाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर संगठनात्मक बदलावों के बीच यह फैसला पार्टी की चुनावी रणनीति को नई दिशा देगा।
भारतीय जनता पार्टी के लिए यह समय संगठनात्मक पुनर्गठन का है। अब तक 14 प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है, जबकि 12 राज्यों में चयन की प्रक्रिया जारी है। हाल ही में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में नए अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है।
लेकिन अब रानीतिज्ञ विश्लेषकों की नजर उत्तर प्रदेश पर टिकी है। एक ऐसा राज्य जो बीजेपी के राजनीतिक वर्चस्व की रीढ़ है और जहां अगले छह महीने के भीतर पंचायत चुनाव और अगले डेढ़ साल में विधानसभा चुनाव होने हैं।
उत्तर प्रदेश बीजेपी के सामने दो ही विकल्प हैं:
नया प्रदेश अध्यक्ष चुनकर पंचायत से लेकर विधानसभा तक की रणनीति उसी के हाथ में सौंपना।
दूसरा, वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल आगे बढ़ाकर पंचायत चुनाव तक संगठन को स्थिर रखना।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया अब अंतिम दौर में है। ऐसे में प्रदेश नेतृत्व को लेकर भी जल्द निर्णय होगा। लेकिन यूपी में 1.5 से 2 सालों में चुनाव होने हैं, इसलिए पार्टी नेतृत्व स्थायित्व के पक्ष में भी सोच सकता है।’
2027 विधानसभा का सेमीफाइनल
2026 के जनवरी-फरवरी में पंचायत चुनाव संभावित हैं। यह चुनाव बीजेपी के लिए न केवल जमीनी पकड़ का टेस्ट होगा, बल्कि यह भी तय करेंगे कि 2027 की रणनीति कैसी होगी। पार्टी सूत्रों का मानना है कि संगठन को स्थिर बनाए रखने के लिए संभावना है कि मौजूदा अध्यक्ष को ही पंचायत चुनाव तक बने रहने दिया जाए। इसके बाद समीक्षा के आधार पर बदलाव किया जा सकता है।
यूपी अध्यक्ष पद के दावेदार कौन?
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए विभिन्न जातीय और राजनीतिक समीकरणों के आधार पर कई नामों की चर्चा है। आइए जानते हैं इनमें से कुछ प्रमुख नाम।
ओबीसी चेहरे-
योगी आदित्यनाथ की पसंद माने जाने वाले नाम
पार्टी सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों को देखते हुए ओबीसी समुदाय से ही किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना अधिक है। लेकिन यदि पंचायत चुनाव के मद्देनज़र स्थायित्व को वरीयता दी गई, तो कार्यकाल विस्तार पर मुहर लग सकती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का समीकरण भी यूपी से जुड़ा
राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर जिन नामों की चर्चा है, उनमें मनोहरलाल खट्टर, शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान, और भूपेंद्र यादव शामिल हैं। ऐसे में यदि इनमें से कोई नेता चुना जाता है, तो राज्यों में संगठनात्मक नियुक्तियों पर भी उनकी छाप दिखेगी।
उत्तर प्रदेश बीजेपी के सामने यह दोहरा सवाल खड़ा है – क्या पार्टी पंचायत चुनाव से पहले एक नया प्रदेश अध्यक्ष सामने लाएगी, या मौजूदा अध्यक्ष के नेतृत्व में ही मैदान में उतरेगी? यह निर्णय संगठनात्मक संतुलन, चुनावी गणित और 2027 की तैयारी – तीनों पहलुओं से अत्यंत अहम होगा। आने वाले कुछ सप्ताह में इसपर फैसला लिया जाना तय माना जा रहा है।