हर दिन आयोजित होने वाली जनसुनवाई में डीएम खुद लोगों की शिकायतें सुन रहे हैं और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं। गुरुवार को विकास खंड उरुवा के परानीपुर गांव से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया, जिसमें डीएम द्वारा पहले ही ग्राम पंचायत का खाता फ्रीज करने का आदेश दिया गया था। बावजूद इसके, ग्राम विकास अधिकारी अंकित कुमार मिश्रा ने आदेश की अनदेखी करते हुए 9 लाख रुपये का निकासी कर दी।
जैसे ही यह मामला डीएम के संज्ञान में आया, उन्होंने तत्काल ग्राम विकास अधिकारी को ब्लॉक से हटाकर मुख्यालय से अटैच करने का आदेश दिया और संबंधित सचिव के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश भी दिए।
इसी जनसुनवाई में सोरांव तहसील के नायब तहसीलदार छोटे लाल के खिलाफ भी शिकायत सामने आई, जिसमें लापरवाही के आरोप लगे। डीएम ने बिना विलंब किए उन्हें तहसील से हटाकर मुख्यालय अटैच करने का आदेश दिया।
डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ की कार्यशैली यह स्पष्ट करती है कि प्रशासन में अनुशासन, जवाबदेही और पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जन शिकायतों के निस्तारण में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए, अन्यथा लापरवाह अधिकारियों को सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए डीएम की यह सख्ती जिले में बेहतर प्रशासन की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।