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कोरबा

मौसम बदला तो बिजली की मांग 2000 मेगावाट तक घटी, खपत कम होने से राज्य सरकार को लाभ..

CG Electricity News: कोरबा जिले में मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव का असर बिजली की खपत पर नजर आ रहा है। इससे बिजली की मांग 2000 मेगावाट तक कम हो गई है।

कोरबाMay 05, 2025 / 09:16 am

Shradha Jaiswal

मौसम बदला तो बिजली की मांग 2000 मेगावाट तक घटी, खपत कम होने से राज्य सरकार को लाभ..

मौसम बदला तो बिजली की मांग 2000 मेगावाट तक घटी, खपत कम होने से राज्य सरकार को लाभ..

CG Electricity News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव का असर बिजली की खपत पर नजर आ रहा है। प्रदेश में हुई गरज-चमक के साथ बारिश और तूफान के कारण तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इससे बिजली की मांग 2000 मेगावाट तक कम हो गई है।

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CG Electricity News: 2000 मेगावाट खपत घटी

प्रदेश सरकार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए 4500 मेगावाट के आसपास बिजली की जरूरत पड़ रही है जबकि तेज गर्मी में यह खपत 6800 मेगावाट के पास पहुंच गई थी। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव का असर छत्तीसगढ़ में भी देखा जा रहा है।
इससे शनिवार को कोरबा, बिलासपुर, अंबिकापुर, बलरामपुर सहित कई क्षेत्रों में तेज आंधी-तूफान आया था। आकाशीय गरज-चमक के साथ तेज वर्षा हुई थी। बारिश से कुछ दिन के लिए तापमान कम हो गया है। प्रदेश का मौसम खुशनुमा हो गया है। इसका असर बिजली की खपत पर देखा जा रहा है।

तापमान 45 डिग्री, खपत 6800 मेगावाट तक

बिजली की खपत कम होने से प्रदेश सरकार को लाभ हो रहा है। बिजली उत्पादन कंपनी राज्य की जरूरत के अनुसार बिजली पैदा नहीं कर पाती लिहाजा सरकार को दूसरे प्रदेशों से महंगे दर पर बिजली खरीद कर घरेलू आवश्यकताओं को पूर्ति करनी पड़ती है।
इस सीजन में बिजली वितरण कंपनी ने अधिकतम 14 रुपए 50 पैसे प्रति यूनिट बिजली खरीदकर अपनी घरेलू जरूरतें पूरी किया था। सामान्य तौर पर प्रदेश में उत्पादित होने वाली बिजली की दर 4 से 8 रुपए प्रति यूनिट होती है। लेकिन जैसे-जैसे पिकआवर में बिजली की जरूरत पड़ती है इसकी कीमत भी बढ़ती जाती है।

बिजली की खपत

दो दिन से प्रदेश में बिजली की मांग घट गई है। जब तापमान 45 डिग्री था तब प्रदेश को लगभग 6800 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ रही थी। रविवार रात 8 बजे तक प्रदेश को घरेलू जरूरतों के लिए 4500 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ रही थी। बिजली की कुल मांग में छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी लगभग 1700 से 1800 मेगावाट तक का योगदान दे रही है।

500 मेगावाट का उत्पादन प्रभावित

इधर तकनीकी गड़बड़ी के कारण कोरबा पश्चिम स्थित हसदेव ताप विद्युत गृह की पांचवीं इकाई उत्पादन से बाहर हो गई है। गड़बड़ी को ठीक करने का कार्य चल रहा है। बताया जाता है कि इस यूनिट के बॉयलर ट्यूब में लिकेज आया है इससे यूनिट उत्पादन से बाहर हुई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इसे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा।

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