टोकन लेकर खाली हाथ लौटना पड़ा
रविवार की रात गोदाम में खाद अनलोड हुई। सोमवार की सुबह किसानों की भीड़ जमा हो गई। शाम तक गोदाम खाली हो गया। कई किसानों को सिर्फ टोकन लेकर खाली हाथ लौटना पड़ा। किसानों का कहना है कि आठ दिन पहले टोकन मिला था। डबल लॉक पर खाद सुबह लेने पहुंचे। दो दो बजे तक नंबर नहीं आया। एक पावती पर 3 बोरी यूरिया मिल रही है। जरूरत 10-12 बोरी की है मिल रही सिर्फ 6 बोरी।
शाम को खाद खत्म हो गई
खंडवा जिला विपणन अधिकारी कार्यालय परिसर में डबल लॉक गोदाम को 100 टन ( 2 हजार बोरी ) और 75 टन ( 1500 बोरी ) गोदाम पहुंची। सुबह वितरण शुरू हुआ। शाम तक खत्म हो गई। इससे अधिक किसानों के टोकन बंटे हुए हैं। यही हाल सोसायटियों पर है। जिले में 105 सोसाइटियां हैं। अधिकतर में खाद नहीं है। डबल लॉक पर जिन किसानों को टोकन मिले हैं। देर शाम वितरण बंद होने के बाद मंगलवार को बुलाया गया है।
10 बोरी की जरूरत, मिली सिर्फ 6 : जंगलिया, किसान,धावड़ी
यूरिया खाद का इंतजार कर रहे हैं। टोकन पहले से मिल गया था। खाद की जरूरत 10 बोरी है। 6 बोरी मिली है। समय से खाद नहीं मिलने के कारण फसल प्रभावित होती है। बाजार में खाद ब्लैक में बिक रही है।
पांच दिन पहले टोकट, सिफ्र तीन बोरी खाद : अर्जुन सिंह, किसान, ढोरानी
पांच दिन पहले का टोकन मिला है। दोपहर दो बजे तक नहीं नहीं लगा है। प्रति 3 बोरी दानेदार यूरिया पर एक बाटल नैनो यूरिया दी जा नैनो यूरिया के घोल को फसल में छिड़काव के लिए 20 लीटर पानी कंधे पर लेकर परेशान होना पड़ता है। फसलों के उत्पादन पर इसका असर भी नहीं है।
20 दिन में 10 रैक आई, वेटिंग में सात रैक
जिला विपणन संघ की रिपोर्ट के अनुसार 7 जुलाई से लेकर अब तक 10 रैक खाद आ चुकी है। इसमें 9 रैक यूरिया की है। एक रैक डीएपी की है। इसके अलावा 7 रैक वेटिंग में है। इसमें तीन रैक यूरिया, एनपीकी, डीएपी की एक-एक रैक, पोटाश व टीएसपी की एक-एक रैक शामिल है। इसके अलावा सात रैक वेटिंग में है।
इनका कहना
गोदाम पर पर्याप्त मात्रा में खाद : श्वेता सिंह, जिला विपणन अधिकारी, खंडवा गोदाम पर अभी एक सप्ताह के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद है। आगामी दिनों में आने वाली रैक से पूर्ति होती रहेगी। अब खाद की कमी नहीं होगी। खाद उपलब्ध कराई जा रही : नीतेश कुमार यादव, प्रभारी, डीडीए कृषि खाद की रैक लगातार आ रही है। बारिश के दौरान तीन दिनों तक रैक नहीं आई। तीन व चार अगस्त को भी एक-एक रैक यूरिया की आई है। वितरण शुरू है। किसानोें खाद उपलब्घ कराई जा रही है। जरूरत के हिसाब से ले जाएं।