टेलीमेडिसिन : विशेषज्ञों ने मरीजों की ऑनलाइन टटोलीं नब्ज, 18 हजार मरीजों को मिला डिजिटल इलाज
सरकार की टेलीमेडिसिन-इ-संजीवनी सेवा मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। मेडिसिन, गायनी, जनरल सर्जरी समेत अन्य विभागों के विशेषज्ञों ने डॉक्टर के माध्यम से ऑनलाइन नब्ज टटोलीं। इलाज दिया। इससे मरीजों के समय की बचत हुई।
सरकार की टेलीमेडिसिन-इ-संजीवनी सेवा मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। मेडिसिन, गायनी, जनरल सर्जरी समेत अन्य विभागों के विशेषज्ञों ने डॉक्टर के माध्यम से ऑनलाइन नब्ज टटोलीं। इलाज दिया। इससे मरीजों के समय की बचत हुई।
इ-संजीवनी पर 4 माह के भीतर 15, 962 मरीजों को मिला इलाज
जिले में सब हेल्थ सेंटर, पीएसी -सीएचसी पर मरीजों को मुख्यालय पर बैठे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं मिल रहीं। इ-संजीवनी पर चार माह के भीतर 15, 962 मरीजों को इलाज मिला। जबकि टेली मेडिसिन पर विशेषज्ञों की सलाह पर 3200 मरीजों का दर्द दूर हुआ। यह सेवा जुलाई में शुरू की गई है। दोनों सेवाओं में अब तक 2367 गंभीर मरीजों भी इलाज मिला है। इससे मरीजों को न केवल दर्द दूर हुआ। बल्कि उनका समय के साथ परिवहन खर्च की बचत हो रही।
टेलीमेडिसिन : छह घंटे में मरीज को राहत मिली
टेली मेडिसिन पर विशेष डॉ पंकज जैन को नर्मदापुर सीएचओ ने मरीज संजू की हिस्ट्री बताई। शुगर, बीपी बढ़ा हुआ है। घबराहट, सीने में दर्द हो रहा। डॉ जैन ने कंसेंट किया। दवाओं का डोज बताए। छह घंटे में मरीज को राहत मिली। मुयालय की बजाए सब हेल्थ सेंटर पर ही दवा ले रही। मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ रंजीत बड़ोले को संतूर कसरावद पीएचसी से डॉ चंद्रदेश दीक्षित ने कॉल किया। बिंदु (65) दयाराम यादव को थाईराइड थी। डोज दवाओं के डोज बनाने का सुझाव दिए। इसी तरह जय कुनेश भालसे को ह्दय रोग की दिक्कत थी। ईसीजी कराने की सलाह दी।
यह है उपचार की योजना
प्रतिदिन पांच मरीजों का दिया टारगेट इ-संजीवनी, टेलीमेडिसिन पर कलेक्टर ने 20 डॉक्टर बढ़ाने को कहा है। प्रतिदिन प्रत्येक विशेषज्ञ को पांच मरीज कम से कम का लक्ष्य दिया हैै। इससे अधिक देखने के निर्देश दिए हैं। सीएमएचओ डॉ ओपी जुगतावत ने बताया कि डॉक्टरों की संया बढ़ा दी गई है। शेड्यूल भी जारी किया गया है।
परामर्श, उपचार की सेवाएं दे रहे चिकित्सक
-जिला अस्पताल में इ-संजीवन पर अप्रेल से 23 जुलाई की स्थिति में 16 हजार मरीजों पहुंचे। उप स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने वाले मरीजों को मुयालय से मेडिकल आफिसर और विशेषज्ञ सेवाएं दे रहे है। नोडल अधिकारी नेत्र विशेषज्ञ डॉ आनंद ओनकर बुधवार को 12 से एक बजे तक कंसेंट किया। उप स्वास्थ्य केंद्र के नर्सिंग ऑफिसर ने मरीजों की हिस्ट्री बताई। दो मरीजों के इलाज को परामर्श दिए। इ-संजीवनी पर प्रतिदिन 10 चिकित्सक ओपीडी के बीच ग्रामीण अस्पताल से ऑनलाइन कनेक्ट होकर परामर्श दे रहे हैं। इससे रैफर के केस कम होंगे।
प्रत्येक कॉल पर डॉक्टर को 50 रुपए देगी सरकार
टेलीमेडिसिन के प्रत्येक कॉल पर सरकार डॉक्टर को 50 रुपए और कॉल अटेंडर करने वाले विशेषज्ञ को 30 रुपए प्रोत्साहन राशि शुरू की है। यह पहल डॉक्टरों को डिजिटल माध्यम से सेवा देने के लिए उत्साहित कर रही है।
ईएनटी, मनोचिकित्सा की सेवा भी जुड़े
टेलीमेडिसिन मेडिसिन, गायनी, पिडियाट्रिक के विशेषज्ञ जुलाई से ऑनलाइन सेवा शुरू की। इ-संजीवनी चार माह से चल रही है। कोविद के बाद बंद हो गई थी। एक बार फिर शुरू हुई है। इसमें ईएनटी, चर्म रोग, मनोचिकित्सा की की सवाएं भी जोड़ दी जाएं। इससे ओपीडी में दबाव कम होने के साथ लोगों का समय और पैसा बचेगा।
इनका कहना : डॉ ओपी जुगतावत, सीएमएचओ
ऑनलाइन परामर्श से ग्रामीण क्षेत्र में त्वरित, सुलभ और प्रभावी इलाज मिल रहा है है। ग्रामीण क्षेत्र के सामान्य मरीजों को मुख्यालय तक नहीं आना पड़ेगा। शासन ने इसे और बेहतर करने काल करने चिकित्सक को प्रति कॉल की दर से 50 रुपए और अटेंड करने वाले विशेषज्ञ को 30 रुपए इंसेटिव का प्रावधान है।
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