किशोर स्मारक के पास बना ओपन थियेटर अब अनैतिक काम करने वालों की शरण स्थली बन चुका है। यहां असामाजिक तत्वों ने अंदर बने शौचालयों को तोड़ दिया है, यहां लगे लाइट, स्वीच बोर्ड तक निकालकर ले जा चुके है। रात में यहां शराब की महफिल सजती है। इसके साथ ही कई अनैतिक गतिविधियां भी यहां रात को हो रही है। सूनसान जगह, श्मशान के पास होने से यहां शाम होने के बाद आमजन की आवाजाही भी नहीं है। वहीं, सिविल लाइन स्थित किशोर सभागृह के पास बना ओपन थियेटर भी टूटफूट का शिकार हो चुका है।
पर्यटन व संस्कृति विभाग द्वारा बनाए गए दो ही भवन वर्तमान में काम आ रहे है। इसमें झीलोद्यान स्थित भवन को निगम संचालन कर रहा है। यहां निगम ने जोन कार्यालय कार्यालय संचालित हो रहा है। हालांकि इस भवन का भी निगम को हस्तांतरण नहीं हुआ है। इसकी फाइल भी निगम के पास मौजूद नहीं है। वहीं, भक्त निवास वाले कक्षों का संधारण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। इन दोनों भवनों की हालत ठीक है।
किशोर स्मारक के पास बना ओपन थियेटर पयर्टन विभाग के पास नहीं है। ये किसके पास है, हमारे नॉलेज में नहीं है। यदि पर्यटन विभाग का है तो हम उसे दिखवाते है। किसी न किसी को तो हैंडओवर होना ही चाहिए।
अंशु जावला, संयुक्त कलेक्टर, ओआइसी पर्यटन विभाग