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खंडवा

पेसा एक्ट : जनजातीय मंत्री शाह के विधानसभा क्षेत्र में आदिवासियों ने विरोध कर रोका मुरम खनन, तहसीलदार ने कराया चालू

जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री विजय शाह के विधान सभा क्षेत्र में खालवा ब्लाक आदिवासी बहुल क्षेत्र है। इस ब्लाक में तीन साल से पेसा एक्ट लागू है। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी और उपेक्षा के चलते एक्ट का प्रभाव कमजोर है।

खंडवाApr 28, 2025 / 11:49 am

Rajesh Patel

PESA Act

जनजातीय मंत्री शाह के विधानसभा क्षेत्र में मुरक की खदान पर पहुंचे आदिवासी

जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री विजय शाह के विधान सभा क्षेत्र में खालवा ब्लाक आदिवासी बहुल क्षेत्र है। इस ब्लाक में तीन साल से पेसा एक्ट लागू है। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी और उपेक्षा के चलते एक्ट का प्रभाव कमजोर है। यही कारण है कि धावड़ी ग्राम में कंस्ट्रक्शन कंपनी ने शासकीय भूमि पर खदान लगा दिया है। आदिवासियों ने विरोध करते हुए चरनोई भूमि पर खनन नहीं होने देने का ऐलान किया है। तहसीलदार बोले, कोर्ट जाओ

प्रशासन और पेसा समिति के लोग आमने-सामने

आदिवासी बहुल क्षेत्र में पेसा एक्ट संरक्षित ग्राम धावड़ी में शासकीय भूमि पर मुरम खनन को लेकर प्रशासन और पेसा समिति के लोग आमने-सामने आ गए हैं। जिला खनिज अधिकारी सचिन वर्मा ने नियम विपरीत खदान दे दिया हैै। रविवार को पेसा समिति के पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने खनन का विरोध करते हुए रोक लगा दी। समिति ने कहा कि चरनोई की भूमि पर खनन नहीं होने देंगे। ये भूमि हमारे जानवरों के लिए आरक्षित की गई है। सुबह दस बजे तक कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी मान मनौव्वल में लगा रहा।
शासकीय भूमि पर मुरम खनन को लेकर प्रशासन और पेसा समिति के लोग आमने-सामने आ गए


तहसीलदार ने बनाया दबाव, बोले कोर्ट जाओ

खालवा तहसीलदार राजेश कोचले मुरम खनन स्थल पर पहुंचे। तहसीलदार ने नियम का हवाला दिया तो ग्रामीणों ने कहा, फिर किस बात का पेसा एक्ट। इस पर तहसीलदार ने धमकाते हुए कहा कि शासन की ओर से खदान अलाट कर दी गई है। निरस्त कराने के लिए कोर्ट जाइए। तहसीलदार की धमकी पर चिलचिलाती धूप में ग्रामीण बैरंग लौट गए। मामले में अपर कलेक्टर ने जांच का आश्वासन दिया है।

आदिवासी लामबंद, अफसरों के दबाव पर पंचनामा बनाकर लौटे

खनिज विभाग ने नेशनल हाइवे का निर्माण करने वाली कंपनी एसकोन्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली को नियमों की अनदेखी कर मुरुम की लीज दे दिया है। इसकी जानकारी ग्राम की पेसा एक्ट को नहीं दी गई। इसको लेकर रविवार पेसा समिति के सदस्य लामबंद हो गए। समिति के ग्रामीणों के साथ पंचायत की। सामूहिक रूप से स्थल पर पहुंचकर खनन कार्य बंद कराया। सदस्यों ने ग्रामीणों के साथ बैठकर स्थल पर पंचनामा तैयार किया। आरोप है कि खालवा तहसीलदार ने ग्रामीणों पर दबाव बनाकर जबरिया शासकीय भूमि पर खनन चालू करा दिया। समिति के सदस्य पंचनामा बनाकर बैरंग लौट गए।

शासकीय भूमि पर 10. 47 हेक्टेयर में खनन की अनुमति

आदेश के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 347-बी रूधि से देश गांव पैकेज-क्रामंक अंतर्गत भारतमला परियोजना फेस-एक कार्य के लिए ग्राम धावड़ी में खदान दी गई है। तहसील खंडवा के ग्राम धावड़ी में शासकीय भूमि क्रमांक-खसरा नंबर 201 / 1 रकबा 10. 47 हेक्टेयर क्षेत्र से मुरूम और मिट्टी निकाले और परिवहन किए जाने की अनुमति दी गई है।

दो पोकलेन मशीनों से छलनी कर रहा भूमि

शासकीय भूमि पर खनन के विरोध के बाद भी कंस्ट्रक्शन कंपनी की दो मशीनें टीले को छलनी कर रहा है। हैरानी की बात तो यह कि इस गांव में पेसा एक्ट लागू है। समिति के हस्तक्षेप के बाद भी किसी के सेहत पर फर्क नहीं पड़ रहा है। तहसीलदार ने समिति के सदस्यों की एक नहीं सुनी। दबाव बनाकर स्थल से वापस करा दिया। इसके बाद मौके पर दो पोकलेन मशीनों से खनन शुरू कर दिया गया।

सदस्यों के साथ ये ग्रामीण रहे मौजूद

पेसा समिति अध्यक्ष बारेलालकरोची समेत अशोक, सूरज, रामदीन, अजय, भगवानदास, ग्राम पटेल, लालाराम, जगदीश, हिंगलाल, बसंत, रामकरण, सुनील समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण रहे।

इनका कहना… अपर कलेक्टर, काशीराम बडोले का कहना है कि…खदान का मामला संज्ञान में आया है। तहसीलदार ग्रामीणों को धमका रहे हैं ऐसी जानकारी नहीं है। पूरे मामले की जानकारी तहसीलदार और खनिज अधिकारी से मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद कुछ बता सकेंगे।

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