दातुन बिक रही ऑनलाइन
वर्तमान में ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अनेक युवतियां दातुन बेचकर कमाई कर रही है। इसी साल जनवरी में प्रयागराज में हुए महाकुम्भ में अनेक युवकों ने नीम की दातुन बेचकर लाखों रुपए की कमाई कर ली थी। इसके अलावा अनेक बडी कम्पनियां दातुन, साबुन, शैम्पू, पावडर, जैविक कीटनाशक, तेल, निमोळी व अन्य उत्पाद बेचकर हर साल करोडों रुपए का कारोबार कर रही है।
एक करोड़ का प्रस्ताव
नीम को पंच गौरव में शामिल किया गया है। प्रशासन के दिशा निर्देश के अनुसार प्रस्ताव बनाया है। इसमें पहले चरण में करीब एक करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पांच नीम वाटिकाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा महिलाओं के समूह बनाकर उनको नीम का तेल, नीम का साबुन, जैविक कीटनाशक व अन्य उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही प्रशासन के सहयोग से उनको उत्पाद बेचने के लिए प्लेटफार्म भी उपलब्ध करवाया जाएगा। यह सतत प्रक्रिया में शामिल है। -हरेन्द्र भाकर, एसीएफ वन विभाग झुंझुनूं
आयुर्वेद के अनुसार कई उपयोग
नीम में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले औषधीय गुण होते हैं। डायबिटीज रोगियों, चर्म रोगियों, वायरल संक्रमण वालों के लिए काफ़ी लाभदायक रहता है। नीम की दातुन एवं छाल दांतों की समस्याओं को दूर करती है। जैविक कीटनाशक भी बनाए जा रहे हैं। नीम का उपयोग विभिन्न तरीकों यथा पत्ते, छाल, तेल, साबुन, औषधि, चूर्ण आदि रूप में उपयोग में लिया जाता है । नीम का साबुन कई त्वचा रोगों में गुणकारी एवं उपचारी साबित होता है। –डॉ अनिता चौधरी, आयुर्वेद विशेषज्ञ, झुंझुनूं