वार्ड पंच था विक्रम सिंह
पाटोदा के सरपंच राजपाल ने बताया कि मृतक विक्रम सिंह चार भाइयों में सबसे छोटा और अविवाहित था। पंचायत में वार्ड पंच निर्वाचित था, गांव के लोगों की सहायता करना और खेती करना ही उसका मुख्य काम था। शुक्रवार को वह अपने भानजी के पति गांव न्योला निवासी विक्रम सिंह के साथ जाने के लिए शाम को घर से बिसाऊ के लिए बस से आया था। बाइक सवार अपने दोनों रिश्तेदारों के साथ न्योला के लिए रवाना हो गया और इस बीच रास्ते में हादसा हो गया।
कार्यवाहक एसपी ने लिया हालात का जायजा
घटना में तीन युवकों की दर्दनाक मौत की सूचना मिलने के बाद झुंझुनू के कार्यवाहक एसपी देवेंद्र सिंह भी देर शाम बिसाऊ पहुंचे। उन्होंने पुलिस टीम के साथ घटनास्थल का मौका मुआयना किया और घटना के कारणों का पता लगाने की कोशिश की। एसपी ने मृतकों के परिजनों से भी पूरे मामले की जानकारी ली और घटना के लिए शोक जताया। पुलिस के अनुसार गांव न्योला निवासी विक्रम सिंह की मां की 10 दिन पहले ही मृत्यु हुई थी और उनके बारहवें के लिए सभी रिश्तेदार काम में लगे हुए थे। विक्रम सिंह भी इसी सिलसिले में शुक्रवार को अपने भानजे फतेहाबाद निवासी सुरेंद्र के साथ चूरू गया हुआ था। लौटते वक्त उसने पाटोदा के अपने रिश्तेदार विक्रम सिंह को भी साथ ले लिया था, न्योला निवासी मृतक विक्रम सिंह विवाहित था जबकि अन्य दो तक अविवाहित थे।
ट्रेक्टर चालक के खिलाफ मामला दर्ज
गांगियासर रोड पर धीरासर बस स्टैंड के पास शुक्रवार शाम हुई सड़क दुर्घटना को लेकर आरोपी ट्रेक्टर ट्रोली चालक के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। थानाधिकारी रामपाल मीणा ने बताया कि मृतक पाटोदा निवासी विक्रम सिंह के भाई सतपाल सिंह ने शनिवार को चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। गौरतलब है कि मलसीसर थाने के गांव न्योला निवासी विक्रम सिंह, उसके भानजे फतेहाबाद निवासी सुरेन्द्र सिंह व गांव पाटोदा निवासी उसके मामा ससुर वार्ड पंच विक्रम सिंह की शुक्रवार शाम ट्रेक्टर ट्रोली व बाइक की भिडंत में मौत हो गई थी। शनिवार को मृतकों के परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम के बाद तीनों शव पुलिस ने सुपुर्द कर दिए।
सरपंच ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल
हादसे के बाद से ही मृतक विक्रम सिंह के परिजनों के साथ राजकीय जटिया अस्पताल में लम्बे समय तक रुके पाटोदा सरपंच राजपाल सैनी ने अस्पताल में बेसिक सुविधाओं की कमी पर सवाल उठाए है। सैनी ने कहा कि मृतकों के शवों को रात भर मोर्चरी में रखने के लिए डी फ्रीज की यहां कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण परिजनों को बाहर से बर्फ की व्यवस्था करनी पड़ी। इसके अलावा एम्बूलेंस की कमी भी इतने बड़े कस्बे के साथ नाइंसाफी की तरह है।
पूरा परिवार सदमे में
गांव न्योला निवासी विक्रम सिंह अपनी मां की मृत्यु के बाद सभी रीति रिवाजों को निभाने में लगा हुआ था। लेकिन बारहवें की रस्म से पहले ही उसकी खुद की मौत हो गई। विक्रम का भाई विदेश में होने के कारण वह अकेला ही पिछले दस दिनों से व्यस्त था, घर में कामों में सहयोग के लिए उसका भानजा फतेहाबाद निवासी सुरेन्द्र भी उसकी पूरी मदद कर रहा था। घर के लोग पहली दुख को भूले ही नहीं थे और इस बीच मामा भानजा की मौत ने पूरे परिवार को हिला के रख दिया।