सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम
ज्ञापन देने के बाद सांसद रोत ने चेतावनी देते हुए कहा कि 10 दिन में सरकार आर्थिक सहायता की घोषणा नहीं करती है तो झालावाड़ में बड़ा आंदोलन होगा। रोत ने समाज के लोगों से कहा कि अब जागरूक होने का समय है। इस दौरान धरियावद विधायक थावर चन्द डामोर, चौरासी विधायक अनिल कटारा, आदिवासी पार्टी के कांतीभाई आदिवासी भी मौजूद रहे।
रोत ने लगाए आरोप
सांसद राजकुमार रोत ने जिला कलक्टर के समक्ष मृतक बच्चों का टायरों से अंतिम संस्कार करने व परिजनों को घटना स्थल पर नहीं जाने देने का आरोप लगाया। इस पर जिला कलक्टर ने कहा कि मैं मौके पर था, ऐसा नहीं हुआ। प्रत्येक शव के लिए एक-एक ट्रॉली लकड़ी मंगवाई गई। रोत ने घटना स्थल पर लाठीचार्ज के बाद जिन लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए, उन्हे हटाने की भी मांग रखी।
ये है पूरा मामला
शहर के खंडिया स्थित भीलेश्वर महादेव परिसर में रविवार दोपहर बाद भील समाज के लोगों सभा चल रही थी। सभा में सांसद राजकुमार रोत भी मौजूद थे। इसी दौरान भील समाज विकास संस्थान के जिलाध्यक्ष व पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अरविन्द भील के साथ कई युवा केसरिया झंडे लेकर सभा स्थल पर पहुंचे। इसका राजकुमार रोत के समर्थकों ने विरोध कर समाज का सफेद झंडा लाने को कहा। इसी दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। वे नारेबाजी करने लगे। सभा में मौजूद अरविन्द के समर्थक मंच की ओर जाना चाह रहे थे। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें जाने से रोक दिया।
ये रखी प्रमुख मांगें
1. मृतक बच्चों के परिवार को तुरंत एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा।2. प्रत्येक परिवार को 10-10 बीघा जमीन।
3. मृतक परिवार के एक व्यक्ति को स्थाई सरकारी नौकरी।
4. मृतक बच्चों के नाम से विद्यालय के कमरों का नाम रखा जाएं।
5. घायलों के परिवार को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएं।
6. दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो।
7. मिनी सचिवालय में गत दिनों टाइल्स गिरने से गंभीर घायल चेतन को आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग।