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झालावाड़

सभापति के लिए तीस हजार रुपए रिश्वत लेते नगर परिषद का कनिष्ठ सहायक और दलाल गिरफ्तार

एक टेंट हाउस पर की कार्रवाई

झालावाड़Aug 05, 2025 / 11:04 am

harisingh gurjar

झालावाड। झालावाड़ एसीबी की टीम ने सोमवार दोपहर बाद नगर परिषद के सभापति संजय शुक्ला के लिए तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते परिषद के ही कनिष्ठ सहायक और दलाल को रंगे हाथों पकड़ा। एसीबी की कार्रवाई की भनक लगते ही सभापति शहर से फरार हो गया।
   एसीबी झालावाड़ चौकी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया परिवादी ने गत 21 जुलाई को शिकायत दी थी कि उसकी मुण्डेरी में खसरा नम्बर 380 की जमीन है। इस जमीन को पर्यटन इकाई भवऩ में कन्वर्जन की पट्टा की फ ाइल नगर परिषद झालावाड़ में 4 साल से पेंडिंग चल रही है। इस जमीन की पॉवर ऑफ अटॉर्नी उसके नाम है। इस जमीन की पत्रावली पर 90 क कार्यवाही और आयुक्त के हस्ताक्षर हो चुके है। उसने सारी राशि भी जमा करवा रखी है। इस पत्रावली पर पट्टा जारी करने के सभापति संजय शुक्ला के हस्ताक्षर होने बाकी है। वह पत्रावली पर हस्ताक्षर करने के सम्बन्ध में 21 जुलाई को संजय शुक्ला से मिला तो शुक्ला ने हस्ताक्षर करने के बदले 50 हजार रुपए की मांग की।
परिवादी के हाथाजोड़ी करने पर संजय शुक्ला ने 40 हजार रुपए कागज पर लिखकर मांगे, लेकिन परिवादी ने सभापति से कहा कि वह 30 हजार रुपए ही दे सकेगा। इस पर सभापति ने उसे कनिष्ठ सहायक आकाश कलोसिया से मिलने के लिए कहा। परिवादी आकाश से मिला तो उसने कहा कि उसके पास सभापति का कॉल आया था। उन्होंने 40 हजार रुपए के लिए कहा है। वह सभापति से पूछकर उनके बताए अनुसार व्यक्ति को रुपए दिलवाएगा।
आकाश कलोसियां ने सोमवार को परिवादी से नगर परिषद कार्यालय के बाहर टेंट हाउस संचालक अजय कुमार को तीस हजार रुपए देने कहा। एसीबी ने कार्रवाई करते हुए सोमवार दोपहर टेंट हाउस की दुकान पर अजय कुमार को तीस हजार रुपए की राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एसीबी ने कनिष्ठ सहायक आकाश को भी नगर परिषद कार्यालय से गिरïïफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ और घर की तलाशी की कार्रवाई जारी है।

सभापति फरार.


 एसीबी की कार्रवाई की भनक लगते ही सभापति संजय शुक्ला झालावाड़ से फरार हो गया। इस पर एसीबी की टीमें सभापति की तलाश कर रही है। सभापति की मोबाइल की लोकेशन कोटा में मंडाना तक मिली, उसके बाद बंद हो गई।

चार साल से चक्कर लगा रहे थे


परिवादी मधुसुदन ने बताया कि सभापति और नगरपरिषद के कर्मचारी उसे चार साल से चक्कर लगवा रहे थे। उसने इसकी शिकायत जिला कलक्टरसे भी की तो उन्होंने मामले को दिखवाने के लिए कहा। ये सारी बात कलक्टर के पीए को बताई तो आकाश ने पीए से भी कहा कि ये तो पूरा सिस्टम है, सभी को देना पड़ता है। बिना साइन के फाइल आगे नहीं जाएगी। आकाश ने कहा, भले ही आप किसी से भी राजनेता से कह दो, पैसे तो हर हाल में देने ही पड़ेंगे। मधुसूदन ने कहा कि पूरे राजस्थान में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार झालावाड़ नगर परिषद में ही है। यहां बिना पैसों के फ ाइल के हाथ तक नहीं लगाते हैं। आयुक्त, जिला कलक्टर सभी को बता दिया, फि र भी कोई कुछ नहीं कर पाया।
बताया जा रहा है कि जिला कलक्टर ने आकाश को बुलाकर पट्टा जारी नहीं करने फ टकार लगाई। उसके बाद भी कनिष्ठ सहायक ने कलक्टर के पीए तक को कहा कि ये तो सिस्टम में है, पैसे तो देंगे ही पड़ते हैं।

 30 अप्रेल कलक्टर के यहां शिकायत


 मधुसूदन ने जिला कलक्टर को गत 30 अप्रेल को ज्ञापन दिया था, जिसमें बताया कि गांव मुंडेरी में उसकी जमीन है। जिस पर वो मोटेल बनाना चाहता है। जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। नगर परिषद की पूरी डिमांड राशि वह 16 दिसंबर 2021 को ही जमा करवा चुका था। फिर भी पट्टा जारी नहीं किया जा रहा था।

मीणा के बाद पहली कार्रवाई.

झालावाड़ एसीबी चौकी के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगराम मीणा को जून माह में जयपुर में साढ़े नौ लाख रुपए के साथ पकड़ा गया था। यहां नवनियुक्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत के निर्देशन में ये पहली कार्रवाई है।

 बड़ी संख्या में फर्जी पट्टे भी जारी हुए.

  नगर परिषद में बड़ी संख्या में पूर्व में फर्जी पट्टे जारी हुए है। इस मामले में कोतवाली में मामला दर्ज हो चुका है। एक व्यक्ति तो इस मामले में जेल भी जा चुका है। नगर परिषद के कर्मचारियों की मिलीभगत से फ र्जी हस्ताक्षर व सील चोरी कर पट्टे बनाए गए थे। शहर में 4-5 कॉलोनियों में फर्जी पट्टे जारी किए। नगर परिषद क्षेत्र में एक ही भूखण्ड को तीन-तीन व्यक्तियों को बेचने के भी मामले सामने आ चुके हैं। बस स्टैंड सहित कई जगह फर्जी पट्टे जारी कर दिए गए, जिन पर अब भवन बन चुके हैं।

 पूर्व में हुआ था निलंबित.


 नगर परिषद झालावाड़ में भाजपा का बोर्ड है। संजय शुक्ला 17 फ रवरी 2021 को सभापति बना था। चुनाव के दौरान जमीन संबधी गलत जानकारी देने के मामले में शुक्ला को 13 जून 2023 को निलंबित कर दिया गया था। बाद में उसे हाईकोर्ट ने बहाल कर दिया।

पैसे नहीं दिए तो नहीं दिया पट्टा.


 शहर के सामाजिक कार्यकर्ता शैलेन्द्र यादव के आरोप लगाया कि उन्होंने पर्यटन होटल के लिए अक्टूबर 2023 में नगर परिषद में आवेदन किया थाई लेकिन पैसे नहीं दिए तो अभी तक पट्टा जारी नहीं किया। कोटा डीएलबी के जवाब मांगने के बाद भी इसमें कोई कार्यवाही नहीं की गई। शहर में ऐसे कई लोग है, जो पट्टों के लिए रोजाना नगर परिषद के चक्कर काट रहे हैं।

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