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झालावाड़ हादसे में दंपती का बिखरा संसार… आंगन को देखकर झर-झर गिरते हैं आंसू, कहते हैं- ‘कैसे भूल पाएंगे’

झालावाड़ हादसे में एक दंपती ने अपने दोनों बच्चों को खो दिया।

झालावाड़Aug 04, 2025 / 08:47 pm

Lokendra Sainger

Jhalawar School Roof Collapse

Photo- Patrika Network (दंपती और मृतक बच्चे)

Jhalawar School Roof Collapse: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में 25 जुलाई को बच्चे हंसते-खेलते अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए स्कूल आए। विद्यार्थियों के खिलते चेहरों ने ईश्वर की अराधना की। शिक्षकों ने सभी को एक कमरे में बैठा दिया और टीचर बाहर आए गए। अचानक विद्यालय की जर्जर छत ढह गई। गांव में अफरा-तफरी मच गई। जिसने सुना स्कूल की ओर दौड़ने लगा।
हर एक मां-बाप की आंखें अपने बच्चे को ढूंढ रही थी। जिनको अपना बच्चा नहीं मिल रहा था, उनकी रुलाई रोके से नहीं रूक रही थी। प्रशासन को मामले के बाद अवगत करवाया गया, जिसके बाद मलबे को हटाने का काम तेजी से शुरू हुआ। इस घटना ने शिक्षा लेने आए सात मासूम बच्चों का भविष्य, भूतकाल में तब्दील कर दिया। जबकि अन्य घायल बच्चे अस्पताल में अपने ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं।

क्या कोई मेरे बच्चे लौटा देगा?- मां

इस हादसे में एक मां-बाप ऐसे भी है, जिन्होंने अपने दोनों बच्चों को खो दिया। जिनके जख्म सूखने का नाम नहीं ले रहे है। 12 साल की मीना और 6 साल के कान्हा की बात करते ही दंपती की आंखों में आंसू की धारा बह पड़ती है। मां रोती-रोती कहती है- बच्चे नहीं दिखते तो आंगन सूना-सूना लगता है, मेरे बहुत बड़े-बड़े बच्चे थे। नींद नहीं आती है रात भर, दिन में भी नहीं सोते। क्या कोई मेरे बच्चे लौटा देगा? मैं कैसे भूल पाऊंगी… आज दोनों होते तो धीरे-धीरे बड़े होकर नौकरी लगते। हमारे बूढापे के सहारे थे।

रात में उठकर देखता हूं… कहां है मेरे बच्चे?- पिता

पिता छोटूलाल फफक-फफक कर रोते हुए बोले- रात में घड़ी-घड़ी उठकर देखता हूं… कहां है मेरे बच्चे? दोनों बच्चों मेरे पास सोते थे। मेरे बिना दोनों बच्चे एक पल भी नहीं रहते थे।

‘बाहर गई तो हादसा हो गया’- प्रिंसिपल

पिपलोदी स्कूल में पिछले 9 साल से कार्यरत रहीं प्रिंसिपल मीना गर्ग ने इस घटना को बताया कि मैंने बच्चों को प्रार्थना के लिए इकठ्ठा किया। बरामदा और चौक गिला हो रहा था, इसलिए कमरे में प्रार्थना करवाई। मैं जैसे ही दूसरे कमरे में बच्चों को बुलाने गई। बाहर निकली तो हादसा हो गया। उन्होंने कहा कि सारे मेरे बच्चे थे… 9 साल से मैं इस स्कूल में पढ़ा रही हूं। एक-एक बच्चा मेरी आंखों के सामने आ रहा है।

सरकार ने दिया 10 लाख का मुआवजा

इस हादसे में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मृतकों बच्चों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये मुआवजे और नए स्कूल भवन का वादा किया। साथ ही स्कूल की कक्षाओं का नाम बच्चों के नाम पर पर रखा जाएगा।

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