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जैसलमेर

सीमा सुरक्षा पर उठे सवाल, आखिर घुसपैठ कैसे हुई?

सीमावर्ती जैसलमेर के साधेवाला इलाके में तारबंदी पार कर 12 किलोमीटर की दूरी पर गत रविवार को बरामद किए गए पाकिस्तानी युवक-युवती के शवों ने सीमा सुरक्षा बल की चौकसी व्यवस्था सहित सीमापार से अवांछित घुसपैठ पर रोकथाम के दावों पर बड़े सवालिया निशान लगा दिए हैं।

जैसलमेरJul 01, 2025 / 08:05 pm

Deepak Vyas

सीमावर्ती जैसलमेर के साधेवाला इलाके में तारबंदी पार कर 12 किलोमीटर की दूरी पर गत रविवार को बरामद किए गए पाकिस्तानी युवक-युवती के शवों ने सीमा सुरक्षा बल की चौकसी व्यवस्था सहित सीमापार से अवांछित घुसपैठ पर रोकथाम के दावों पर बड़े सवालिया निशान लगा दिए हैं। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक रवि कुमार और शांति बाई ने तारबंदी पार की। तारबंदी से 12 किलोमीटर दूरी ही तय कर पाए और संभवत: प्यास के कारण उनकी मौत हो गई। इन सबके बीच गंभीर सवाल तो सीसुब की चौकसी व्यवस्था पर है। आखिर, बल की पेट्रोलिंग, सीसीटीवी कैमरों और अन्य उपकरणों के बावूजद दोनों युवक-युवती तारबंदी कैसे पार कर गए ? गौरतलब है कि दोनों व्यक्तियों ने करीब एक-डेढ़ साल पहले भारत के लिए वीजा आवेदन किया था। उनके बार-बार आवेदन के बावजूद वीजा नहीं मिलने पर उन्होंने परिवार को नाराज कर अवैध रूप से बॉर्डर पार करने का निर्णय लिया। माना जा रहा है कि, दोनों ने उस पार से इस पार करीब 50-60 किलोमीटर का पैदल सफर रेगिस्तानी क्षेत्र में पड़ रही गर्मी व उमस के बीच तय किया। आखिरकार, उन्होंने तारबंदी से करीब 12 किलोमीटर दूर आकर दम तोड़ दिया। यह इतना निर्जन क्षेत्र है कि शव 7-8 दिनों से वहीं पड़े रहे और किसी सुरक्षा व खुफिया एजेंसी को जानकारी तक नहीं हुई।

अभेद्य नहीं सीमा

घटना से यह साबित हो रहा है कि बल के दावों के विपरीत जैसलमेर से लगती भारत-पाकिस्तान की सीमा अभेद्य नहीं है। पूर्व में भी इसे सामान्य लोगों की ओर से पार किया है। सवाल उठता है कि, कहीं अगर प्रशिक्षित घुसपैठिये, आतंकी या नशीले पदार्थों के तस्करों ने इधर का रुख कर लिया तो क्या होगा?

सांसद ने बताया, गंभीर और चिंताजनक

क्षेत्रीय सांसद उम्मेदराम बेनीवाल ने भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी दम्पती के शव मिलने की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करता है। बेनीवाल ने कहा, हमारी सीमा के बारे में दावा किया जाता है कि यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, ऐसे में किसी का सीमा पार कर आना निश्चित ही चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समय और उसके बाद सुरक्षा एजेंसियां जिस स्तर की अलर्टनेस दिखा रही थी, वैसी ही सतर्कता आज भी अपेक्षित है। सांसद ने मांग की कि इस घटना की गहन जांच कराई जाए और सीमा सुरक्षा में यदि कोई चूक हुई है, तो उसमें जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस सामरिक महत्व वाले अति संवेदनशील सीमांत क्षेत्र की सीमाओं के प्रति गंभीर नहीं हैं। सुरक्षा में चूक और किसी भी प्रकार की लापरवाही राष्ट्रहित के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।

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