अभेद्य नहीं सीमा
घटना से यह साबित हो रहा है कि बल के दावों के विपरीत जैसलमेर से लगती भारत-पाकिस्तान की सीमा अभेद्य नहीं है। पूर्व में भी इसे सामान्य लोगों की ओर से पार किया है। सवाल उठता है कि, कहीं अगर प्रशिक्षित घुसपैठिये, आतंकी या नशीले पदार्थों के तस्करों ने इधर का रुख कर लिया तो क्या होगा?
सांसद ने बताया, गंभीर और चिंताजनक
क्षेत्रीय सांसद उम्मेदराम बेनीवाल ने भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी दम्पती के शव मिलने की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करता है। बेनीवाल ने कहा, हमारी सीमा के बारे में दावा किया जाता है कि यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, ऐसे में किसी का सीमा पार कर आना निश्चित ही चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समय और उसके बाद सुरक्षा एजेंसियां जिस स्तर की अलर्टनेस दिखा रही थी, वैसी ही सतर्कता आज भी अपेक्षित है। सांसद ने मांग की कि इस घटना की गहन जांच कराई जाए और सीमा सुरक्षा में यदि कोई चूक हुई है, तो उसमें जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस सामरिक महत्व वाले अति संवेदनशील सीमांत क्षेत्र की सीमाओं के प्रति गंभीर नहीं हैं। सुरक्षा में चूक और किसी भी प्रकार की लापरवाही राष्ट्रहित के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।