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जैसलमेर

पोकरण: बाबा के साथ गुरु के दर पर भी चाहिए सुविधाएं

भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार माने जाने वाले लोकदेवता बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ महाराज के पोकरण में स्थित आश्रम में भादवा मेले के दौरान दर्शनों के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है, लेकिन अव्यवस्थाओं के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।

जैसलमेरJun 28, 2025 / 08:19 pm

Deepak Vyas

भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार माने जाने वाले लोकदेवता बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ महाराज के पोकरण में स्थित आश्रम में भादवा मेले के दौरान दर्शनों के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है, लेकिन अव्यवस्थाओं के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। गौरतलब है कि बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ का आश्रम पोकरण में रामदेवसर तालाब जाने वाले मार्ग पर स्थित है। यहां मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु पहुंचते है। रामदेवरा आने वाले श्रद्धालु बालीनाथ महाराज के आश्रम के दर्शन अवश्य करते है। भादवा मेले के दौरान यहां श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगती है। अभी आषाढ़ माह चल रहा है और श्रावण माह में श्रद्धालुओं की आवक शुरू हो जाएगी। इस दौरान अव्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी होती है, जबकि जिम्मेदारों की ओर से समय रहते यहां व्यवस्थाओं को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

गुरु के आश्रम का धार्मिक महत्व

बालीनाथ महाराज लोकदेवता बाबा रामदेव के गुरु थे। जिनका आश्रम पोकरण कस्बे में रामदेवसर व सालमसागर तालाब के पास स्थित है। मान्यताओं के अनुसार इसी आश्रम में बाबा रामदेव की भैरव राक्षस से भेंट हुई थी और बाबा रामदेव ने कस्बे से पांच किमी दूर स्थित पहाड़ी पर एक गुफा में भैरव राक्षस को बंद कर गुफा को बड़ी शिला से बंद कर दिया। ऐसे में गुरु बालीनाथ महाराज का आश्रम बाबा के इतिहास से जुड़ा होने के कारण श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र है। रामदेवरा आने वाले अधिकांश श्रद्धालु पोकरण आकर बालीनाथ आश्रम में स्थित उनके आश्रम के दर्शन करने के बाद ही अपनी यात्रा को पूर्ण समझते है।

अव्यवस्थाओं से परेशान हो रहे श्रद्धालु

आश्रम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्थाएं नहीं की जाती है। भादवा मेले से पूर्व ही श्रद्धालु यहां पहुंचने शुरू हो जाते है। गर्मी के मौसम के बावजूद यहां छाया, पानी, रोशनी, हवा, आश्रम के बाहर सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है। पर्याप्त शामियाना नहीं लगाए जाने के कारण श्रद्धालुओं को तेज धूप में खड़े रहना पड़ता है। इसके अलावा यहां पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं का बेहाल हो जाता है। इसके अलावा मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ के बावजूद यहां रोशनी व हवा की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है।

नहीं होती सफाई, कीचड़ से परेशानी

आश्रम के आसपास सफाई को लेकर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण यहां कचरे के ढेर लगे रहते है। यहां वर्षों पूर्व निर्मित नाली भी जमींदोज हो जाने के कारण कीचड़ पर सडक़ पर जमा हो जाता है। इसी तरह यहां निर्मित डामर सडक़ भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ऐसे में श्रद्धालुओं को आवागमन में परेशानी हो रही है।

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