अपनों से बिछड़े, सूचना केंद्रों पर भीड़
नेटवर्क ठप होने के कारण मेला क्षेत्र में अपनों से बिछड़े श्रद्धालु अब सूचना केंद्रों का सहारा ले रहे हैं। दर्जनों लोग अपनों की तलाश में यहां पहुंच रहे हैं। केंद्र पर लगातार घोषणाएं हो रही हैं और कई परिजनों को मिलवाया जा रहा है।भीलवाड़ा से आए सुरेशचंद्र का कहना है कि हर साल आते हैं, लेकिन इस बार नेटवर्क की वजह से परेशानी बहुत बढ़ गई। बच्चे भीड़ में बिछड़ जाते हैं तो चिंता और बढ़ जाती है।
डिजिटल भुगतान पर ब्रेक
नेटवर्क ठप होने का सबसे बड़ा असर डिजिटल लेनदेन पर पड़ा है। दुकानदारों और यात्रियों दोनों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है।खाने-पीने से लेकर होटल और कमरे तक का भुगतान डिजिटल माध्यम से नहीं हो पा रहा।दुकानदार रमेशचंद्र शर्मा बताते हैं कि लोग यूपीआइ से भुगतान करना चाहते हैं, लेकिन नेटवर्क न होने से मशीन ही काम नहीं करती। कई बार ग्राहक के पास नकद नहीं होता, तब दोनों पक्षों को दिक्कत होती है।
फैक्ट फाइल –
- 30 से 50 लाख श्रद्धालु आते है मेले में
- 2 से 3 लाख श्रद्धालु रामदेवरा आ रहे रोजाना
-5 किमी क्षेत्र फैला है पूरा मेला
- 2 से 3 किमी क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क रहता है जाम
- 15 दिन तक बनी रहती है यही समस्या
सवाल: वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं
सबसे बड़ा सवाल यह है कि लाखों लोगों की भीड़ जुटने के बावजूद नेटवर्क की वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई। मेले के दौरान स्वास्थ्य, पेयजल और यातायात जैसी सुविधाओं पर जोर दिया जाता है, लेकिन नेटवर्क जैसी बुनियादी जरूरत को दरकिनार कर दिया गया है। लोगों का कहना है कि नेटवर्क व्यवस्था न सुधरी तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
समस्या ही समस्या - मोबाइल कंपनियों की सेवाएं पूरी तरह ठप
-कॉल और इंटरनेट बंद, डिजिटल पेमेंट प्रभावित