संसाधनों की भारी कमी
जिले के अधिकांश अग्निशमन केंद्रों पर दमकल गाडिय़ों की संख्या सीमित है। कई वाहनों की स्थिति भी खराब है। दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचने में समय लगने के कारण आग विकराल रूप ले लेती है। कई बार पानी की भी पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो पाती, जिससे आग बुझाने के प्रयास प्रभावित होते हैं।
आग लगने के मुख्य कारण
-भीषण गर्मी, मानवीय लापरवाही, सूखी घास की अधिकता।
प्रभावित क्षेत्र: नाचना, रामगढ़, मोहनगढ़ जैसे नहरी क्षेत्र और पोकरण क्षेत्र आदि।
तेज हवाओं की गति: 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा।
तापमान: अधिकतम 44 से 46 डिग्री सेल्सियस तक।
एक्सपर्ट व्यू
कृषि मामलों के जानकर एसके व्यास ने बताया कि जैसलमेर जैसे शुष्क क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में प्राकृतिक दावानल का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। सूखी घास और झाडिय़ों में आग तेजी से फैलती है। हवाओं की गति इसे नियंत्रित करने में सबसे बड़ी बाधा बनती है। जरूरत इस बात की है कि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए हर पंचायत स्तर पर छोटे अग्निशमन उपकरण और पानी के भंडारण की व्यवस्था की जाए। जिले के भौगोलिक विस्तार को देखते हुए अतिरिक्त दमकल वाहनों और फायर टेंडरों की आवश्यकता है। आग लगने की घटनाओं में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में फायर वॉलंटियर टीम भी गठित करनी चाहिए।