script641वां भादवा मेला: चहुंओर बाबा के जयकारे… महानगर बना रुणीचा | Baba Ramdev's 641st fair will start today with flag hoisting | Patrika News
जैसलमेर

641वां भादवा मेला: चहुंओर बाबा के जयकारे… महानगर बना रुणीचा

पश्चिमी राजस्थान के जिले जैसलमेर के पोकरण उपखंड मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर उत्तर की तरफ विख्यात गांव रामदेवरा स्थित है।

जैसलमेरAug 24, 2025 / 08:32 pm

Deepak Vyas

पश्चिमी राजस्थान के जिले जैसलमेर के पोकरण उपखंड मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर उत्तर की तरफ विख्यात गांव रामदेवरा स्थित है। यहां स्थित लोकदेवता बाबा रामदेव की समाधि पर 641वां भादवा मेला सोमवार को भादवा माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को तडक़े शुरू होगा, जो आगामी 3 सितंबर भादवा माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तक चलेगा।

उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़

कुछ दशक पहले तक मेले में हजारों की तादाद में लोग पहुंच पाते थे। बदलते समय के साथ अब मेले में 40 से 50 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे है। पूर्व में भादवा माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से एकादशी तक मेला आयोजित होता था और श्रद्धालु दर्शनों के लिए यहां आते थे। अब श्रावण माह के शुक्ल पक्ष में श्रद्धालुओं की भीड़ शुरू हो जाती है, जो भादवा माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक जारी रहती है। ऐसे में डेढ़ माह में लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचकर बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करते है।

मिटाया ऊंच-नीच का भेद, आज भी परंपरा जारी

बाबा रामदेव ने अपने जीवनकाल में ही ऊंच-नीच, भेदभाव मिटाने और साम्प्रदायिक सौहार्द कायम करने का कार्य किया। जिसकी बानगी आज भी देखने को मिलती है। आज भी यहां आने वाले श्रद्धालु एक ही कतार में खड़े होकर दर्शन करते है। चाहे अमीर हो, गरीब हो, किसी भी जाति, समाज का हो। यही नहीं हिन्दुओं के साथ मुस्लिम समाज के लोग भी यहां दर्शनों के लिए पहुंचते है।

छोटा गांव बना महानगर

रामदेवरा की आबादी करीब 10 हजार की है, लेकिन अभी चल रहे भादवा मेले में यह छोटा-सा गांव किसी महानगर से कम नजर नहीं आ रहा था। हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ से अटे बाजार व लगी लंबी कतारों के बीच आसमान में गूंजते बाबा के जयकारों से माहौल पूरी तरह से धर्ममय हो रखा था। हर तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही थी और कतारों में खड़े हजारों श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते दिख रहे थे।

हजारों श्रद्धालुओं का जमावड़ा

पुलिस की ओर से मेले में सुरक्षा, कानून एवं शांति व्यवस्था के लिए 2000 से अधिक सुरक्षाकर्मी रामदेवरा में तैनात किए गए है, जो दर्शनार्थियों की सुरक्षा की जिम्मेवारी देख रहे है। मेला मैदान में लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की तादाद को देखते हुए प्रशासन की ओर से मेला चौक में सभी प्रकार के वाहनों के आने पर रोक लगाई गई है। सडक़ मार्ग पर लगातार पदयात्रियों की चहल पहल लगी हुई है।

24 घंटे खुला रहेगा समाधि स्थल

आम दिनों में बाबा रामदेव की समाधि पर दर्शनों के लिए 18 से 20 घंटे की व्यवस्था रहती है। जबकि भादवा मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर समाधि स्थल को 24 घंटे खुला रखा जाता है। सोमवार को अलसुबह 3 बजे पूजा-अर्चना व मंगला आरती के बाद मंदिर का मुख्य द्वार खोल दिया जाएगा और दर्शन शुरू हो जाएंगे, जो लगातार जारी रहेंगे। समाधि स्थल को 24 घंटे खुला रखा जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग कम समय में दर्शन कर सके। समाधि स्थल के बाहर कतार में खड़े श्रद्धालुओं को एक साथ 8 कतारों में दर्शन करवाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा मंदिर व दर्शनार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की मुख्य द्वार पर लगे मैटल डिटेक्टर गेट से जांच की जा रही है।

रामसरोवर पर पर्याप्त इंतजाम

रामसरोवर पर पुलिस चौकी, स्वास्थ्य चौकी लगाने के साथ एसडीआरएफ के तैराकों की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा व राहत मिल सके। यहां दर्शनार्थ आने वाले अधिकांश गरीब व मध्यम वर्ग के श्रद्धालु धर्मशालाओं एवं महंगी होटलों में ठहरने की बजाय रामसरोवर की पाल व घाटों पर ही अपना डेरा डाल देते है। जिससे यहां श्रद्धालुओं की चहल पहल नजर आ रही है। रामसरोवर पर दिन रात श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यहां प्रशासन की ओर से अलग से सुरक्षा जाब्ता, स्वास्थ्य चौकियां लगाकर व्यवस्थाएं की गई है और समाधि समिति व ग्राम पंचायत की ओर से घाटों पर प्रतिदिन सफाई, रोशनी, तैराकों आदि की भी व्यवस्था की गई है।

Hindi News / Jaisalmer / 641वां भादवा मेला: चहुंओर बाबा के जयकारे… महानगर बना रुणीचा

ट्रेंडिंग वीडियो