अशोक गहलोत के CM वाले बयान पर वासुदेव देवनानी की कड़ी प्रतिक्रिया, जानिए क्या बोले?
Gehlot vs Devnani: विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि एक-दो साल RSS शाखा में जाकर गहलोत को ट्रेनिंग लेने की जरूरत है, जिसके बाद वे आरएसएस को समझ पाएंगे। देवनानी ने कहा कि वे जो भी बातें लोगों से कह रहे हैं, उन्हें अपनी टीम से करनी चाहिए।
अशोक गहलोत के बयान पर देवनानी का तीखा प्रहार (फोटो-पत्रिका)
Gehlot vs Devnani जयुपर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम भजनलाल शर्मा को लेकर हाल ही में बड़ा बयान दिया था, उन्होंने कहा कि पता नहीं भजनलाल शर्मा सीएम रहेंगे या नहीं इस बात को कौन जाने। गहलोत ने इस दौरान नए सीएम की रेस में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का नाम लिया था। उन्होंने कहा था कि देवानानी RSS के कट्टर नेता हैं, हमने सुना है कि सीएम की रेस में उनका नाम आगे चल रहा है।
अशोक गहलोत के इस बयान पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवानानी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत की बातों पर उनका केंद्रीय नेतृत्व और राजस्थान के उनके पदाधिकारी महत्व नहीं देते हैं। ऐसे में मैं भी उनके भाषण या उनके वक्तव्य का कोई संज्ञान नहीं लेता।
देवनानी ने कहा- मैं RSS का इसमें गर्व
देवानानी ने कहा कि उन्होंने जो कहा कि मैं आरएसएस का हूं, इसमें कोई दो राय नहीं है, मैं RSS का हूं, और मुझे गर्व है कि मैंने आरएसएस से संस्कार लिए हैं। जहां तक उन्होंने मेरे लिए आगे कहा है, वो अभी आरएसएस को नहीं समझते हैं। आरएसएस को समझने के लिए शायद उन्हें एक जन्म और लेना पड़े और आरएसएस की शाखा में जाना पड़े।
गहलोत को RSS से ट्रेनिंग लेने की जरूरत
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि एक-दो साल RSS शाखा में जाकर गहलोत को ट्रेनिंग लेने की जरूरत है, जिसके बाद वे आरएसएस को समझ पाएंगे। देवनानी ने कहा कि वे जो भी बातें लोगों से कह रहे हैं, वो उन्हें अपनी टीम से करनी चाहिए। हमारी पार्टी में ऐसी कोई बात नहीं है, संगठन और विधानसभा तय करती है।
सुसंस्कृत लोगों को तैयार करता है RSS- देवनानी
देवनानी ने कहा कि मैं उनके बारे में इस तरह की धारणा को समझता हूं, मुझे नहीं पता कि उन्होंने किस संदर्भ में ऐसा कहा और क्यों कहा, लेकिन न तो मैं उनके वक्तव्य को कोई महत्व देता हूं, न ही मैं संघ को कुछ कह सकता हूं। जो लोग आजकल संघ के बारे में बोल रहे हैं, उनको संघ की समझ नहीं है। संघ एक देशभक्त और सांस्कृतिक संगठन है। यह सुसंस्कृत लोगों को तैयार करता है, वह व्यक्ति संस्कारों के माध्यम से अपने जीवन में आगे बढ़ता है।