वकील और TMC छात्र नेता रह चुका है आरोपी
मोनोजीत अलीपुर कोर्ट में क्रिमिनल वकील है और खुद को सोशल मीडिया पर टीएमसी छात्र शाखा का पूर्व अध्यक्ष बताता है। हालांकि कॉलेज से पढ़ाई खत्म हुए चार साल हो गए हैं, वह अब तक कॉलेज से अनौपचारिक रूप से जुड़ा हुआ था।
पुलिस जांच में निकला पुराना आपराधिक इतिहास
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 2019 में मोनोजीत पर कॉलेज में एक महिला के कपड़े फाड़ने, 2020 में चोरी, 2022 में महिला से छेड़छाड़, और 2024 में सुरक्षा गार्ड पर हमला करने जैसे मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
चार आरोपी गिरफ्तार, SIT गठित
कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित की है। अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है: मोनोजीत मिश्रा (मुख्य आरोपी) जैब अहमद (19), प्रमित मुखर्जी (20) – दोनों छात्र पिनाकी बनर्जी – सुरक्षा गार्ड
मेडिकल जांच और वीडियो क्लिप से आरोपों की पुष्टि
सरकारी अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर जबरदस्ती, नाखून से खरोंच और काटने के निशान मिले हैं। पुलिस ने एक आरोपी के मोबाइल से 1.30 मिनट लंबी आपत्तिजनक वीडियो क्लिप बरामद की है, जिससे पीड़िता के आरोपों की पुष्टि होती है।
इस संबंध में पीड़िता ने क्या कहा ?
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा कि मोनोजीत ने शादी का प्रस्ताव दिया और इनकार करने पर उसे धमकाया, उसके प्रेमी को मारने और माता-पिता को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। विरोध करने पर उसे बंधक बनाया गया, पीटा गया और उसके साथ जबरदस्ती की गई।
ज्वलंत मुद्दा और सुलगते सवाल
सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने घटना की कड़ी निंदा की है। सोशल मीडिया पर ‘JusticeForSurvivor’ ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग तेज कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने टीएमसी से जुड़े आरोपी के नाम आने पर राजनीतिक संरक्षण के आरोप लगाए हैं। कई छात्रों और अभिभावकों ने कॉलेज प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
कोलकाता गैंग रेप केस: फैक्टफाइल
कोलकाता पुलिस की एसआईटी टीम CCTV फुटेज, मोबाइल डेटा और गवाहों के बयान जुटा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वीडियो क्लिप को फोरेंसिक लैब भेजा जा चुका है ताकि उसकी पुष्टि हो सके। पीड़िता की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसे काउंसलिंग और कानूनी सहायता दी जा रही है।
आरोपी मोनोजीत मिश्रा की बार काउंसिल से सदस्यता रद्द कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।
कोलकाता गैंग रेप केस: सुलगते सवाल
यह मामला कॉलेज परिसरों में महिला सुरक्षा की गंभीर स्थिति को उजागर करता है। आरोपी का लंबे समय तक कॉलेज से अनौपचारिक रूप से जुड़ा रहना सिस्टम की विफलता दिखाता है। सवाल उठता है कि एक हिस्ट्रीशीटर को कॉलेज में प्रभावशाली भूमिका निभाने की छूट क्यों दी गई?