कारण कि इन दिनों जयपुर से संचालित होने वाली अधिकांश ट्रेनें रिग्रेट हो गई हैं। न तो उनमें कंफर्म टिकट मिल रहा है और न वेटिंग टिकट मिल रहा है। इस वजह से यात्रियों को परेशानी हो रही है। इसको लेकर जोनल रेलवे अधिकारियों तक शिकायतें पहुंच रही हैं, लेकिन वे भी बेबस नजर आ रहे हैं।
वेटिंग टिकट को लेकर नया नियम लागू
दरअसल, भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट लिमिटेशन को लेकर गत दिनों नया नियम लागू किया है। इसके तहत एक ट्रेन में 25 फीसदी तक ही टिकट जारी किए जाएंगे। इस वजह से जयपुर से सूरत, हावड़ा, जम्मू, गुवाहाटी और हरिद्वार समेत कई शहरों की ओर जाने वाली लंबी दूरी की कई ट्रेनें रिग्रेट हो गई हैं। क्योंकि उनमें वेटिंग कोटा भी तुरंत पूरा हो रहा है, जिससे कई ट्रेनों में स्लीपर तो कई में एसी श्रेणी की ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने पर नो रूम स्थिति देखी जा रही हैं।
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कई ट्रेनों में किसी भी श्रेणी में टिकट नहीं मिल पा रही है। इसका ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ा रहा है, जो इमरजेंसी में यात्रा करते हैं या कंफर्म टिकट के लिए वेटिंग का विकल्प चुनते थे। अब वेटिंग लिस्ट भी जल्दी फुल हो रही है। इस वजह से यह परेशानी बनी हुई है।
इस नई व्यवस्था के लागू होने से तत्काल श्रेणी पर लोगों की निर्भरता ज्यादा बढ़ गई हैं, लेकिन वहां पर भी ज्यादातर लोगों को निराशा ही झेलनी पड़ रही है। क्योंकि टिकट बुकिंग खुलते ही कुछ ही सेकंड्स में सारी सीटें भर जा रही हैं। कई ट्रेनों में सामान्य स्थिति में वेटिंग टिकट भी आसानी से कंफर्म हो जाती थी, अब वो भी विकल्प बंद हो गया है।
यात्री बोले- नियम की समीक्षा हो
इस संबंध में यात्रियों का कहना है कि रेलवे का नया नियम उन लोगों के लिए सजा बन गया है, जो मजबूरी में अंतिम समय पर यात्रा करते हैं। हाल ये है कि कई लोगों को तो अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी रही है। क्योंकि उनके पास टिकट बुकिंग का कोई विकल्प नहीं बचा। यात्रियों की मांग है कि ट्रेनों में सीटों की उपलब्धता बढ़ानी चाहिए। अस्थायी कोच जोड़े जाएं। साथ ही नए नियम की समीक्षा करनी चाहिए, ताकि आम आदमी को परेशानी न हो।
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30 जून से 5 जुलाई तक जयपुर से संचालित होने वाली ट्रेनों की ऑनलाइन स्लीपर-एसी क्लास के रिजर्वेशन टिकट बुकिंग की स्थिति
-बांद्रा टर्मिनस गरीब रथ : रिग्रेट
-गतलाधाम जम्मूतवी : रिग्रेट
-बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस : रिग्रेट
-योगा एक्सप्रेस : रिग्रेट
-अजमेर-अमृतसर एक्सप्रेस : रिग्रेट
मरूधर एक्सप्रेस : रिग्रेट
क्या कहता है नियम
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्रतीक्षा सूची को नियंत्रित करने व बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए यह नया नियम लागू किया है। इसके तहत रेलवे ने वेटिंग टिकटों की संख्या हर ट्रेन की क्लास में कुल उपलब्ध सीटों का 25 फीसदी तक सीमित कर दिया है। साथ ही न्यूनतम वेटिंग की संख्या भी तय कर दी है। ताकि बहुत कम सीटों वाली ट्रेनों में भी कुछ वेटिंग टिकट बुक हो सकें।