चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि इस अभियान की थीम होगी – “डायरिया की रोकथाम, सफाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान”। इस थीम के तहत राज्यभर में चिकित्सा विभाग विभिन्न जनहितकारी गतिविधियों का आयोजन करेगा।
इस अभियान में कई विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है, जैसे – महिला एवं बाल विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, जलदाय विभाग, ग्रामीण विकास और नगरीय विकास विभाग। इन विभागों के सहयोग से घर-घर तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जाएंगी।
प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि पांच वर्ष से छोटे बच्चों की मृत्यु का एक बड़ा कारण दस्त रोग है, जिससे 4.1% बच्चों की जान चली जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए आशा सहयोगिनियां घर-घर जाकर 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को दो ओआरएस पैकेट और 14 दिन की जिंक टेबलेट देंगी। दस्त होने पर इनका तुरंत उपयोग करने की सलाह भी दी जाएगी।
सभी जिलों के कलेक्टर्स और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस अभियान के सफल संचालन के लिए आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही, चिकित्सा संस्थानों और आंगनवाड़ीकेन्द्रों पर ओआरएस और जिंक कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे ताकि ज़रूरतपड़ने पर तुरंत उपचार संभव हो सके।
यह अभियान बच्चों की सेहत के प्रति एक संवेदनशील और सराहनीय कदम है, जो समाज में स्वास्थ्य जागरूकता को भी बढ़ावा देगा।