पहला बड़ा निर्णय यह रहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना की राशि अब हर महीने नियमित रूप से मिलेगी। जनवरी से मार्च 2025 तक की राशि इस सप्ताह जारी होगी और अप्रैल से जून 2025 तक की राशि जुलाई अंत तक दे दी जाएगी।
दूसरा फैसला स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में मिल्क पाउडर की आपूर्ति को लेकर हुआ। ‘पन्नाधाय बाल गोपाल योजना’ व ‘मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना’ के तहत क्रमशः 66 हजार स्कूलों और 62 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को लाभ पहुंचाने के लिए क्रमशः 3700 और 1400 मीट्रिक टन मिल्क पाउडर की आपूर्ति की जा रही है।
तीसरा निर्णय डेयरी विभाग में 504 पदों की भर्ती से जुड़ा है। जुलाई के पहले पखवाड़े से आरसीडीएफ व डेयरी संघों में विभिन्न पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही नवगठित दुग्ध संघों के लिए भी पद सृजन व भर्ती का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जाएगा।
चौथा बड़ा फैसला अंतरराज्यीय सीमा से सटे चार दुग्ध संघों (उदयपुर, बांसवाड़ा, रानीवाड़ा-जालौर व बाड़मेर) के लिए अलग कार्ययोजना बनाने का है। इन क्षेत्रों के पशुपालकों को विशेष प्रोत्साहन राशि, बीमा में छूट और प्रोसेसिंग प्लांट अपग्रेडेशन की योजना बनेगी।
पांचवां निर्णय डेयरी से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षित करने का है। इसके तहत बनास डेयरी, गुजरात में 4 से 6 जुलाई तक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें चार जिलों की 48 महिला सचिव भाग लेंगी।
इन निर्णयों से राज्य के 60 लाख बच्चों व लाखों दुग्ध उत्पादकों को सीधा लाभ मिलेगा। बैठक में आरसीडीएफ की एमडी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।