शिक्षा विभाग ने लिए 10 बड़े फैसले, जर्जर स्कूल पर लाल रंग से क्रॉस, कंटेनर में क्लासें, निजी स्कूलों का भी होगा सर्वे
Damaged School Buildings: झालावाड़ स्कूल छत हादसे के बाद शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, अब निजी स्कूलों का होगा भी सर्वे। स्कूलों की सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क, जर्जर भवन होंगे जमींदोज, आपदा राहत कोष से 7500 स्कूलों में मरम्मत कार्य को मिली मंजूरी।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने झालावाड़ स्कूल हादसे को गंभीरता से लेते हुए आज विभागीय अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। फोटो-पत्रिका।
unsafe School Buildings: जयपुर। झालावाड़ के मनोहर थाना में विद्यालय की छत गिरने की घटना ने सरकार को गहराई से सोचने को मजबूर कर दिया है। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए आज विभागीय अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में राज्य के समस्त विद्यालय भवनों की सुरक्षा, मरम्मत और गुणवत्ता पर विशेष बल दिया गया।
मंत्री ने निर्देश दिए कि सभी स्कूल भवनों का तत्काल सर्वे कराया जाए और जो भवन जर्जर स्थिति में हैं, उन्हें लाल रंग से चिन्हित कर बंद कर दिया जाए। ऐसे भवनों को प्राथमिकता से जमींदोज किया जाएगा और वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कंटेनर में कक्षाएं चलाई जाएंगी।
राज्य के 7500 स्कूलों में मरम्मत कार्य के लिए आपदा राहत कोष से ₹150 करोड़ के प्रस्ताव स्वीकृत किए जाएंगे। साथ ही, स्कूल भवन निर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए समग्र शिक्षा अभियान में एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन होगा और सभी निर्माण कार्यों की जांच PWD की लैब्स से कराई जाएगी।
मंत्री दिलावर ने घटिया निर्माण को रोकने के लिए सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कार्य की गुणवत्ता में कमी पाई गई तो ठेकेदार और अभियंताओं से वसूली की जाएगी। वहीं, निजी स्कूलों का भी सर्वे किया जाएगा, जिसमें वाहनों की फिटनेस, ड्राइवर की जांच, और अन्य सुरक्षा मानकों की निगरानी की जाएगी।
साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर सभी विधायकों और सांसदों से उनके विकास कोष की 20% राशि देने की अपील की गई है, जिससे विद्यालयों के पुनर्निर्माण में सहयोग मिल सके। दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए मंत्री ने जिला कलेक्टरों को अवकाश घोषित करने के अधिकार भी दे दिए हैं।
शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए 10 प्रमुख निर्देश
क्रमांक
निर्देश
1
प्रदेश के सभी विद्यालय भवनों का सर्वे जिला कलेक्टर के माध्यम से कराया जाए।
2
जर्जर भवनों को चिन्हित कर लाल रंग से क्रॉस किया जाए और उन्हें तत्काल बंद किया जाए।
3
जर्जर भवनों को प्राथमिकता के आधार पर जमींदोज किया जाए एवं वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में कंटेनर कक्षाएं चलाई जाएं।
4
सभी जर्जर व मरम्मत योग्य भवनों की GIS आधारित ऐप तैयार की जाए और उसे शाला दर्पण से जोड़ा जाए।
5
AI तकनीक से भवन सुरक्षा की निगरानी और बजट नियोजन किया जाए।
6
आपदा राहत कोष से 7500 स्कूलों की मरम्मत के लिए ₹150 करोड़ का प्रस्ताव स्वीकृत किया जाए।
7
घटिया निर्माण पाए जाने पर ठेकेदार और अभियंताओं से वसूली की जाए।
8
निजी स्कूलों का सर्वे कर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, वाहन फिटनेस व ड्राइवर की जांच की जाए।
9
स्कूल विकास एवं प्रबंधन समितियों को अग्निशमन व प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जाए।
10
पिंक टॉयलेट और अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की समीक्षा कर किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए।
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