ड्रोन से बरसेंगे बादल
जेएनएक्सएआई के निदेशक अजिंक्य डुंभारे और प्रबंध निदेशक राकेश अग्रवाल ने टीम के साथ रामगढ़ बांध की मुख्य पाल पर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई से ड्रोन तकनीक के जरिए कृत्रिम वर्षा की दिशा में औपचारिक तैयारियां शुरू की जाएंगी। इसके लिए एसीसीएल-1 और हाइड्रो प्लेट फार्म के सहयोग से संयुक्त कार्यक्रम चलाया जाएगा।
विधायक ने ली जानकारी
इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र पाल मीना भी बांध पहुंचे और कंपनी निदेशक से तकनीकी पहलुओं की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि रविवार को कंपनी के अधिकारी राज्य के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा से मुलाकात कर कृत्रिम वर्षा परियोजना पर चर्चा करेंगे। साथ ही, 31 जुलाई को कृषि मंत्री रामगढ़ बांध की पाल पर इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।
ताइवान से मंगवाया गया विशेष ड्रोन
डुंभारे ने बताया कि ताइवान से एक अत्याधुनिक ड्रोन मंगवाया गया है, जो किसी एयरक्राफ्ट जैसा दिखाई देता है। कृत्रिम वर्षा से पहले क्षेत्र की जलवायु से संबंधित विस्तृत डेटा एकत्र किया जाएगा। कार्यक्रम की लॉन्चिंग के दिन ही तकनीक का डेमो भी प्रस्तुत किया जाएगा।