एक ओर जांच जारी होने का हवाला देकर कहा कि अभी भर्ती रद्द करने का फैसला प्री-मैच्योर होगा। वहीं, दूसरी ओर राजस्थान लोक सेवा आयोग सदस्य और कोचिंग माफिया की मिलीभगत मान रही है। एसओजी पहले कहती है दोषी-निर्दोष की पहचान मुश्किल है। अब दोषी छांट लिए जाने की बात कह रही है।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि जनता को नकल कर बने थानेदारों के भरोसे नहीं छोड़ सकते, न अदालत पैरामीटर्स में बंधकर रहेगी। जरूरत हुई तो एसआईटी के मुखिया वीके सिंह को बुलाकर जानकारी ली जाएगी। न्यायाधीश समीर जैन ने शुक्रवार को कैलाश चंद्र शर्मा और अन्य की याचिका पर सुनवाई की।
अधिवक्ता एके शर्मा ने क्या कहा
इस दौरान चयनित अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एके शर्मा ने कहा कि केवल सिफारिश के आधार पर भर्ती रद्द करने की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्णय को चुनौती नहीं दी गई है। एसओजी ने बेहतरीन काम किया, लेकिन वह भर्ती रद्द करने की सिफारिश देने को अधिकृत नहीं थी। याचिकाकर्ताओं ने पहले स्वार्थ पूर्ति के लिए याचिका दायर की और फिर उसे वापस लेकर नई याचिका पेश कर दी।
कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार कह रही है 50 अभ्यर्थियों को डी-बार कर दिया। लेकिन आगे जांच में 200 अभ्यर्थियों की मिलीभगत सामने आई तो सरकार क्या करेगी। कोर्ट किसी पैरामीटर्स में नहीं बंधा, हम याचिका से परे जाकर भी निर्णय कर सकते हैं।
तस्कर ने बेटा-बेटी को पेपर खरीदकर बनाया था थानेदार
जालौर जिले के बागरा स्थित देवदा निवासी मादक पदार्थ तस्कर भागीराथ राम बिश्नोई ने अपने बेटे-बेटी के लिए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 का पेपर खरीदने के लिए पैसे दिए थे। आरोपी भागीरथ के बेटा-बेटी परीक्षा से पहले पेपर लेकर थानेदार बन गए थे। अब एनडीपीएस कोर्ट जालौर ने मादक पदार्थ तस्करी के एक मामले में भागीरथ राम बिश्नोई को 5 वर्ष की सजा सुनाई है। आरोपी भागीरथ के खिलाफ पांच प्रकरण दर्ज हैं।
जालौर एसपी ने क्या बताया
जालौर पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद यादव ने बताया कि आरोपी भागीरथ के पुत्र दिनेश और बेटी प्रियंका को एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। राजस्थान एसओजी ने आरोपी भागीरथ की एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भूमिका संदिग्ध मानी है।
20 लाख रुपए में खरीदा पेपर
एसओजी सूत्रों के मुताबिक, तस्करी के मामलों में गिरफ्तार हो चुका भागीरथ ने अपने बेटे दिनेश व बेटी प्रिंयका के लिए 20 लाख रुपए देकर एसआई भर्ती परीक्षा 2021 का पेपर परीक्षा से पहले खरीद लिया था। आरोपी के बेटे दिनेश ने 13 सितंबर 2021 को वैशाली नगर स्थित आदर्श विद्या मंदिर गर्ल्स सीनियर स्कूल में परीक्षा दी और बेटी प्रियंका ने 14 सितम्बर 2021 को सीकर रोड स्थित बड पीपली बस स्टैंड स्थित मेरीगोल्ड पब्लिक स्कूल में परीक्षा दी थी। दिनेश ने पेपर लीक के सरगना भूपेंद्र सारण से 14 सितंबर को पेपर लिया और बहन को उपलब्ध करवाया। आरोप है कि दिनेश ने भी परीक्षा से पहले पेपर प्राप्त कर लिया था।
एसआई भर्ती में हो रहे खुलासे
प्रदेश में हुई एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में नित नए खुलासे हो रहे हैं। परीक्षा पेपर लीक मामले में डूंगरपुर निवासी शिक्षक कुंदन कुमार पण्ड्या की बेटी रिद्धि, भतीजा नैतिक व भतीजी नेहा को परीक्षा से 10 दिन पहले ही पेपर मिल गया था। एसओजी की पूछताछ में आरोपी तीनों भाई-बहन ने इस संबंध में जानकारी दी है। हालांकि, तीनों ने लिखित परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन शारीरिक दक्षता परीक्षा में फेल हो गए थे।
गौरतलब है कि आरपीएससी के तत्कालीन सदस्य बाबूलाल कटारा को एसओजी गिरफ्तार कर चुकी थी और पूछताछ में कटारा ने कुंदन पाण्ड्या को पेपर देने की बात नहीं कबूली थी। एसओजी ने उदयपुर में सीबीईओ बुद्धिसागर को गिरफ्तार किया।
बुद्धिसागर ने अपने बेटे आदित्य के लिए पेपर लिया था और साथ में बांसवाड़ा निवासी प्रवीण खराड़ी को 10 लाख रुपए में पेपर बेच दिया था। प्रवीण खराड़ी का एसआई भर्ती परीक्षा में चयन हो गया था। एसओजी प्रवीण खराड़ी को भी गिरफ्तार कर चुकी। एसओजी मामले में अब तक 116 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।