अब हर अस्पताल में होगी पीडब्ल्यूडी चौकी
नई एसओपी के तहत हर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पीडब्ल्यूडी की एक स्थायी चौकी स्थापित की जाएगी। इन चौकियों पर 24 घंटे प्लम्बर और इलेक्ट्रीशियन तैनात रहेंगे, जबकि दिन के समय कारपेंटर और वेल्डर भी उपलब्ध होंगे। मरीजों और स्टाफ की सुविधाओं के लिए चौकियों को अस्पताल परिसर में ही स्थापित किया जाएगा।
रखरखाव के लिए होगी 2% राशि आरक्षित
नई प्रणाली के तहत अस्पताल भवनों की निर्माण लागत का 2 प्रतिशत हिस्सा वार्षिक रखरखाव के लिए आरक्षित किया जाएगा। यह राशि राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसाइटी (RMRS) के माध्यम से PWD को दी जाएगी। 2025-26 के लिए भवन लागत की गणना 28,000 प्रति वर्ग मीटर की दर से होगी।
हेल्पलाइन और डिजिटल शिकायत तंत्र होगा सक्रिय
हर अस्पताल में 24×7 हेल्पलाइन शुरू की जाएगी, जहां मरीज और स्टाफ रखरखाव से जुड़ी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे। ये शिकायतें हेल्पलाइन, वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए दर्ज होंगी। शिकायत का निवारण पीडब्ल्यूडी की निगरानी में होगा और भुगतान तभी किया जाएगा जब चिकित्सा अधिकारी कार्य का सत्यापन करेंगे।
सभी उपकरणों के AMCs अब पीडब्ल्यूडी के जिम्मे
चिलर, एसी, डीजल जनरेटर, ऑक्सीजन पाइपलाइन, सीसीटीवी, लिफ्ट और फायर अलार्म जैसी व्यवस्थाओं के AMCs और CAMCs अब पीडब्ल्यूडी द्वारा किए जाएंगे। इसके लिए फंड अस्पताल अधीक्षक या RMRS से मुहैया करवाया जाएगा।
हर साल होगा भवनों का सर्वे, फिटनेस सर्टिफिकेट जारी
PWD द्वारा प्रत्येक वर्ष अस्पताल भवनों का निरीक्षण कर फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। इसमें रिसावमुक्त प्लंबिंग, जलरोधी छतें, टूटे टाइल्स, बिजली सुरक्षा, मरम्मत कार्य और पेड़ की जड़ों से संरचनात्मक क्षति जैसी समस्याएं प्राथमिकता से हल की जाएंगी। समय पर कार्य के लिए तय हुआ शेड्यूल
8 मई से 30 मई 2025 तक के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम तय किया गया है, जिसमें टीम गठन, सर्वे, टेंडर प्रक्रिया और कार्य प्रारंभ किया जाएगा। अनुबंधों के हस्तांतरण और नई व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाएगा।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
रखरखाव में किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। निधि की कमी को अब बहाना नहीं माना जाएगा। लापरवाही की स्थिति में संबंधित अस्पताल अधीक्षक, लेखाधिकारी और PWD अभियंताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।