पुलिस और प्रशासन करे कार्रवाई
पुलिस और डीआरआई को ऑनलाइन मार्केटप्लेस और सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ानी चाहिए, जहां ई-सिगरेट की बिक्री की जा रही है। जागरूकता अभियान: युवाओं को ई-सिगरेट के खतरों के बारे में शिक्षित करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में अभियान चलाए जा सकते हैं।चीन सबसे बड़ा निर्यातक
ई-सिगरेट (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) मुख्य रूप से चीन से उत्पन्न हुई हैं और वहां से वैश्विक बाजार में फैली हैं। 2003 में चीनी फार्मासिस्ट हॉन लिक ने पहली आधुनिक ई-सिगरेट का आविष्कार किया था। वर्तमान में, चीन दुनिया का सबसे बड़ा ई-सिगरेट निर्माता और निर्यातक है, जो वैश्विक आपूर्ति का लगभग 90त्न हिस्सा प्रदान करता है। इसके अलावा, मलेशिया, दुबई, और कुछ यूरोपीय देश भी ई-सिगरेट और उनके उपकरणों का उत्पादन और तस्करी करते हैं। भारत में, ई-सिगरेट की अवैध आपूर्ति मुख्य रूप से तस्करी के माध्यम से होती है, विशेष रूप से ऑनलाइन मार्केटप्लेस, सोशल मीडिया, और अवैध खुदरा नेटवर्क के जरिए।ई-सिगरेट से लगती है निकोटीन की लत
अधिकांश ई-सिगरेट में निकोटीन होता है, जो अत्यधिक नशे की लत पैदा करता है। यह मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करता है, खासकर युवाओं और किशोरों में, जिससे ध्यान, स्मृति, और आवेग नियंत्रण पर असर पड़ता है। निकोटीन ब्लड प्रेशर और हृदय गति को बढ़ाता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। ई-सिगरेट के एयरोसोल में फॉर्मल्डिहाइड, एसीटैल्डिहाइड, और एक्रोलीन जैसे जहरीले रसायन होते हैं, जो फेफड़ों में सूजन, अस्थमा, और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का कारण बन सकते हैं।ई-सिगरेट के रसायन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। कैंसर का जोखिम
ई-सिगरेट में मौजूद कुछ रसायन, जैसे फॉर्मल्डिहाइड, कैंसर पैदा करने वाले (कार्सिनोजेनिक) हो सकते हैं।
ई-सिगरेट का स्वाद (फल, कैंडी, मेंथॉल) और आकर्षक मार्केटिंग युवाओं को आकर्षित करती है, जिससे वे निकोटीन की लत और बाद में पारंपरिक सिगरेट की ओर बढ़ सकते हैं।
अन्य जोखिम
बैटरी विस्फोट: ई-सिगरेट की बैटरी में खराबी या गलत चार्जिंग से विस्फोट हो सकता है, जिससे जलन और गंभीर चोटें हो सकती हैं। एक जानकारी के अनुसार 2009-2016 के बीच अमेरिका में 195 ऐसे मामले दर्ज हुए।मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
निकोटीन की लत चिंता, तनाव, और अवसाद को बढ़ा सकती है। कई युवा ई-सिगरेट का उपयोग तनाव कम करने के लिए करते हैं, लेकिन यह लत का चक्र बनाता है।प्र्रतिबंध की स्थिति: राजस्थान में 2019 से इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम के तहत ई-सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, आयात, निर्यात, भंडारण और विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है। यह प्रतिबंध स्वास्थ्य जोखिमों, खासकर युवाओं में नशे की लत को रोकने के लिए लगाया गया। राजस्थान में भी यह केंद्रीय कानून लागू है, और स्थानीय पुलिस समय-समय पर तस्करी और अवैध बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करती है।
सजा का प्रावधान
पहली बार उल्लंघन: 1 साल तक की जेल या 1 लाख रुपए तक का जुर्माना, या दोनों।दोबारा उल्लंघन: 3 साल तक की जेल और 5 लाख रुपए तक का जुर्माना।
भंडारण का उल्लंघन: 6 महीने तक की जेल या 50,000 रुपए तक का जुर्माना, या दोनों।
यह कानून सख्ती से लागू होता है, और पुलिस को बिना वारंट तलाशी और जब्ती का अधिकार है।