कुमावत ने बताया कि मुख्यमंत्री शर्मा ने बजट वर्ष 2024-25 में माही और सोम नदी के मानसून अवधि के अधिशेष जल को जयसमंद बांध सहित अन्य बांधों के माध्यम से जवाई बांध तक लाने की घोषणा की थी। इस घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जल संसाधन विभाग, जयपुर के मुख्य अभियंता कार्यालय ने डीपीआर तैयार करने के लिए 15.60 करोड़ रुपए की प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
अधिशासी अभियंता, जल संसाधन खंड सलूंबर ने वाप्कोस लिमिटेड को कार्यादेश जारी किए हैं, और वाप्कोस द्वारा प्रस्तुत इन्सपेक्शन रिपोर्ट को विभाग ने अनुमोदित कर लिया है। कुमावत ने बताया कि इस परियोजना के पूरा होने पर उदयपुर, सिरोही, पाली और जोधपुर जिलों में पेयजल की समस्या का स्थायी समाधान होगा। साथ ही, 16 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी, जिससे किसानों को भी बड़ा लाभ होगा। यह परियोजना राजस्थान के लिए जल संकट के समाधान में मील का पत्थर साबित होगी।