दरअसल, रोडवेज की ओर से इन बसों के संचालन से पहले उच्च स्तर से शुभारंभ की अनुमति मांगी गई है। जब तक वहां से हरी झंडी नहीं मिलती, तब तक ये बसें डीलक्स डिपो में खड़ी धूल फांक रही हैं। इस देरी का खमियाजा आम यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है, जिन्हें अब भी पुरानी और मेंटिनेंस मांगती कंडम बसों में सफर करना पड़ रहा है।
मेंटिनेंस न होने से बीच रास्ते में ही रुक जाती हैं बसें
डीलक्स डिपो की ओर से वर्तमान में जयपुर से दिल्ली और अन्य शहरों के लिए केवल छह वोल्वो बसों का संचालन किया जा रहा है। इन बसों की आवृत्ति लगभग डेढ़ घंटे की है, लेकिन यदि किसी बस को मेंटिनेंस की जरूरत पड़ जाए तो यात्रियों को 2 से 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो यात्रा के दौरान ही बसों का ब्रेकडाउन हो जाता है।
10 साल पुरानी हो चुकी स्केनिया बसें
जयपुर से दिल्ली के लिए फिलहाल जो स्केनिया बसें चल रही हैं, वे लगभग 10 साल पुरानी हो चुकी हैं और बार-बार मेंटिनेंस की मांग कर रही हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए रोडवेज ने हाल ही 1.52 करोड़ रुपए की लागत से नई लग्जरी वोल्वो बसें खरीदी हैं, लेकिन उनका संचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है। रोडवेज की ओर से इन बसों के आने का प्रचार तो किया गया, लेकिन वास्तविक सुविधा यात्रियों तक नहीं पहुंच पाई है।
त्योहारी सीजन में और बढ़ेगी परेशानी
जयपुर से दिल्ली के बीच सफर करने वाले यात्रियों की पहली पसंद रोडवेज की वोल्वो बसें होती हैं। वीकेंड और त्योहारी सीजन में यात्रीभार बढ़ जाता है। अब राखी का त्योहार आने वाला है और ऐसे में अतिरिक्त यात्रियों का दबाव बढ़ेगा। रोडवेज को हर साल अतिरिक्त बसें लगानी पड़ती हैं। यदि नई बसों का संचालन अभी शुरू कर दिया जाए तो यात्रियों को बड़ी राहत मिल सकती है। ‘बसें आ चुकी हैं, लेकिन संचालन की अनुमति अभी उच्च स्तर से नहीं मिली है’।
-अविनाश गहलोत, मुख्य प्रबंधक, डीलक्स डिपो