ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक्टिव मोड पर भारतीय रेलवे, ट्रेन और स्टेशनों पर बढ़ाई सुरक्षा; यार्ड भी रहेंगे ‘नजरबंद’
Operation Sindoor: भारत की पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद देशभर में अलर्ट जारी किया गया है। इसी बीच सुरक्षा और संरक्षा को लेकर रेलवे हाई-अलर्ट हो गया है।
देवेंद्र सिंह राठौड़ जयपुर। भारत की पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद देशभर में अलर्ट जारी किया गया है। इसी बीच सुरक्षा और संरक्षा को लेकर रेलवे हाई-अलर्ट हो गया है। रेलवे ने ट्रेनें, स्टेशन के साथ यार्डों की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। रेलवे बोर्ड ने देशभर के रेलवे यार्ड में एआइ तकनीक युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। इसकी शुरुआत उत्तर-पश्चिम रेलवे से की जा रही है।
बोर्ड ने इसे नोडल जोन भी बनाया है। यही देशभर के रेलवे यार्ड की सुरक्षा की निगरानी करेगा और उसकी सुरक्षा का डिजिटल लेखा-जोखा भी रखेगा। सीसीटीवी कैमरों से ट्रेन, स्टेशन परिसर के साथ अब यार्ड तक भी की निगरानी होगी। बोर्ड के निर्देशानुसार देशभर में रेलवे यार्ड के संवेदनशील क्षेत्रों जैसे पाइंट्स, क्रॉसिंग्स और सिग्नल सिस्टम्स पर एआइ तकनीकयुक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
इससे संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि अनुरक्षण कार्यों की मॉनिटरिंग भी हो सकेगी। गौरतलब है कि पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद रेलवे सुरक्षा और संरक्षा को लेकर हाई-अलर्ट पर है। अब हर जगह नजर रखी जा रही है, ताकि कोई चूक नहीं हो।
कनेक्टिविटी का नया प्लान
इस योजना के तहत कैमरे ऐसे खंभों पर लगाए जाएंगे, ताकि दृश्यता पूरी बनी रहे और सुरक्षा में किसी प्रकार की बाधा न आए। ये भी सामने आया कि वायरलेस कनेक्टिविटी और सोलर पावर जैसे उपायों पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि हर परिस्थिति में कैमरे चालू रह सकें।
रेलवे बोर्ड ने इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन और निगरानी की जिम्मेदारी उत्तर-पश्चिम रेलवे को दी है। इसके लिए यह जोन न केवल एक पोर्टल विकसित करेगा, बल्कि देशभर के जोन की प्रगति की रिपोर्टिंग और निगरानी भी करेगा। यानी अब हर जोन का सुरक्षा रिपोर्ट कार्ड बनेगा और इसका लेखा-जोखा डिजिटल होगा।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रेलवे यार्ड्स में सिग्नलिंग से लेकर दूरसंचार और पॉइंट मशीनों जैसे अहम उपकरण लगे होते हैं, जिनकी सुरक्षा सीधे ट्रेन परिचालन से जुड़ी होती है। ऐसे में इन जगहों की 24 घंटे निगरानी एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। एआइ तकनीक युक्त सीसीटीवी कैमरों के लगने से किसी भी तकनीकी गड़बड़ी या छेड़छाड़ का तुरंत पता चल सकेगा।