आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक डॉ. सुदीप कुमावत ने जानकारी देते हुए बताया कि अब ऐसे लोग जिनके फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन काम नहीं करते हैं, या जिनके आधार में मोबाइल नंबर जुड़ा नहीं है या अपडेट नहीं है, उन्हें ई-केवाईसी कराने में किसी तरह की तकनीकी अड़चन नहीं आएगी।
अब तक ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन और बायोमेट्रिक आधारित होने के कारण कई वरिष्ठ नागरिकों और तकनीकी रूप से वंचित लोगों को योजनाओं का लाभ लेने में परेशानी हो रही थी। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने ऑफलाइन ई-केवाईसी की सुविधा शुरू की है।
डॉ. कुमावत ने बताया कि शासन सचिव, आयोजना एवं पदेन महानिदेशक जन आधार प्राधिकरण ने सभी जिला कलक्टरों को निर्देशित किया है कि ऐसे मामलों में ऑफलाइन ई-केवाईसी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक विकास अधिकारी और शहरी क्षेत्रों में उपखण्ड अधिकारी (द्वितीय सत्यापक) को उनकी एसएसओ आईडी के माध्यम से ऑफलाइन ई-केवाईसी करने की सुविधा दी गई है।
इस नई व्यवस्था के तहत अब ऐसे वरिष्ठ नागरिक, जिनका बायोमेट्रिक डेटा जैसे फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन मान्य नहीं हो पाता या जिनके आधार कार्ड में मोबाइल नंबर नहीं जुड़ा है, वे भी जन आधार से जुड़कर राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।
सरकार के इस निर्णय से समाज के उस वर्ग को सीधी राहत मिलेगी जो अब तक तकनीकी कारणों से लाभ से वंचित रह जाते थे। यह कदम जनसरोकार की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।