एक तिहाई राशि तब रिलीज करेंगे, जब मीटर को प्रीपेड मोड में बदल देंगे। ऐसे में ‘पहले पैसे दो, फिर बिजली लो’ वाली बंदिश से उपभोक्ताओं को फिलहाल राहत मिल गई है। अभी प्रदेश में सालाना 50 हजार करोड़ रुपए की बिलिंग हो रही है।
पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने स्मार्ट मीटर को प्रीपेड करने को लेकर कहा था कि प्रीपेड विकल्प शुरू होने पर ही सब्सिडी मिलेगी। अब इससे राहत दी गई है।
कुल सब्सिडी 496 करोड़ रुपए
केन्द्र सरकार सब्सिडी के रूप में 900 रुपए प्रति मीटर देगी, जो करीब 496 करोड़ रुपए होगी।प्रीपेड करने के बाद ही एक तिहाई राशि यानी 165 करोड़ रुपए मिलेंगे। एक मीटर की लागत 7500 से 9000 रुपए है। इसमें सिंगल व थ्री फेज, एचटी व अन्य श्रेणी शामिल है।
काम की धीमी गति, नोटिस थमाया
प्रदेश में 14 हजार करोड़ के 1.43 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। अभी तक 18 लाख मीटर लग जाने चाहिए थे, लेकिन केवल 4.25 लाख लगाए जा सके हैं। इसे देखते हुए डिस्कॉम प्रबंधन पहले ही अनुबंधित कम्पनी जीनस को नोटिस थमा चुका है। कंपनी को चेताया गया कि तीन माह में सुधार नहीं हुआ तो टेंडर निरस्त कर देंगे।