scriptBuilding Safety: जर्जर स्कूलों के बाद अब अस्पतालों पर सरकार का फोकस, गिरने जैसे भवनों का नहीं होगा उपयोग | Building safety: After dilapidated schools, the government has now focused on hospitals, buildings prone to collapse will no longer be used. | Patrika News
जयपुर

Building Safety: जर्जर स्कूलों के बाद अब अस्पतालों पर सरकार का फोकस, गिरने जैसे भवनों का नहीं होगा उपयोग

Dilapidated Hospitals: अब जर्जर अस्पतालों पर सख्ती: उपयोग होगा बंद, तुरंत मरम्मत के आदेश, चिकित्सा संस्थानों का गहन निरीक्षण शुरू, लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई, टीबी, डेंगू और मौसमी बीमारियों पर फोकस, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी और मजबूत।

जयपुरAug 05, 2025 / 08:18 pm

rajesh dixit

Hospital Infrastructure: जयपुर। झालावाड़ जिले के एक स्कूल हादसे के बाद अब चिकित्सा विभाग भी अलर्ट मोड़ में आ गया है। इधर अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में राजकीय चिकित्सा संस्थानों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों का सघन निरीक्षण किया जा रहा है। प्रदेश के ऐसे चिकित्सा संस्थान जो जर्जर हो चुके हैं और अधिक मरम्मत की आवश्यकता है, उन भवनों पर ‘जर्जर भवन-प्रवेश निषेध’ का बोर्ड डिस्पले कर तुरंत उपयोग बंद किया जाएगा तथा प्राथमिकता के साथ इनका रिनोवेशन सुनिश्चित किया जाएगा।

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चिकित्सा संस्थानों का होगा गहन निरीक्षण, सरकार ने मांगी रिपोर्ट

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने मंगलवार को प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों का गहन निरीक्षण करें और गंभीरता के साथ सुधारात्मक कार्यवाही करें। कहीं भी लापरवाही सामने आई या किसी भी प्रकार की क्षति हुई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मेंटीनेंस कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता

अधिक वर्षा के कारण चिकित्सा संस्थानों में संभावित दुघर्टनाओं से बचाव के लिए मेंटीनेंस कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। समीक्षा बैठक में चिकित्सा भवनों की स्थिति, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना, आरजीएचएस, टीबी एवं गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग व उपचार, मौसमी बीमारियों और दवाइयों की उपलब्धता सहित विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सभी जिलों के साथ विस्तार से चर्चा की।

मौसमी बीमारियों पर भी हुई चर्चा

जिन जिलों में मलेरिया व डेंगू के केस ज्यादा आ रहे हैं, वहां वैक्टर बोर्न डिजीज की रोकथाम के लिए सघन स्क्रीनिंग की जाएगी। मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक सामग्री-संसाधनों की यथासमय व्यवस्था की जाएगी। निर्धारित प्रोटोकॉल अनुसार एंटीलार्वा गतिविधियां संचालित होंगी।

टीबी स्क्रीनिंग के निर्धारित लक्ष्य को करें हासिल

प्रमुख शासन सचिव ने टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जो जिले टीबी स्क्रीनिंग के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में पीछे चल रहे हैं, वे इस काम को गति देकर लक्ष्य हासिल करें। स्वास्थ्य कार्मिकों की सक्रियता बढ़ाकर शत-प्रतिशत स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्क्रीनिंग करने के साथ ही लक्षणों वाले रोगियों की जरूरी जांचें की जाएं एवं स्क्रीनिंग में सामने आए टीबी रोगियों को पूरा उपचार उपलब्ध करवाएं। साथ ही, टीबी से संबंधित डाटा नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट किया जाए।

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