प्रस्तावित गाइडलाइन में इसी आधार पर काम करने का प्लान तैयार किया गया है। डिस्कॉम ज्यादा बिजली खपत वाले ऐसे उपभोक्ताओं को सक्षम मानते हुए कोशिश कर रहा है कि इन्हें दूसरे फेज में जोड़ा जाए। इस योजना से शुरुआत में कुल 1.04 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को जोड़ा जाना है। सरकार का फोकस अभी उन 77 लाख उपभोक्ताओं पर है, जिनकी बिजली खपत प्रतिमाह डेढ़ सौ यूनिट से कम है। इन उपभोक्ताओं को विकल्प देंगे। सोलर पैनल डिस्कॉम लगाएगा या वे खुद भी लगा सकेंगे।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने राजस्थान सरकार की इस योजना (पीएम सूर्यघर योजना से जुड़े) को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। तीन किलोवाट तक अधिकतम 78 हजार रुपए सब्सिडी केन्द्र सरकार को देनी है।
यह है नया फॉर्मूला
हर घरेलू उपभोक्ता के 1.1 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाया जाएगा। इसकी कीमत करीब 50 हजार रुपए आंकी गई है। केन्द्र सरकार से सब्सिडी के रूप में 33000 रुपए मिलेंगे और बाकी 17 हजार रुपए राज्य सरकारवहन करेगी।
यहां लगाएंगे पैनल
77 लाख उपभोक्ता हैं, जो प्रति माह 150 यूनिट से कम बिजली उपभोग कर रहे हैं। सरकार का मानना है कि इनमें से कई उपभोक्ताओं के पास सोलर पैनल लगाने के लिए जगह नहीं होगी। इनके लिए निकटतम जीएसएस (ग्रिड सब स्टेशन) या सरकारी इमारत की छत पर सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे।
मुफ्त बिजली का बोझ कम होगा
-6200 करोड़ की मुफ्त बिजली घरेलू उपभोक्ताओं को दी जा रही है। -इसमें अधिकतम छूट 562.50 रुपए तक है। इसमें सभी रजिस्टर्ड घरेलू उपभोक्ता शामिल हैं। -कुछ माह पहले जयपुर आए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने फ्री बिजली दे रहे राज्यों पर सवाल उठाए थे।