बस्तर जिले में अब तक करीब 65 हजार किसानों ने एग्रीस्टैक पोर्टल पर अपना पंजीयन करा लिया है, जबकि बड़ी संख्या में किसान अभी भी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्हें अब च्वाईस सेंटरों के चक्कर काटने होंगे, जिससे किसानों के सामने समय और संसाधनों की चुनौती खड़ी हो गई है।
paddy on support price: इसलिए जरुरी हैं पंजीयन
नया पंजीयन सिस्टम राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य है फर्जीवाड़े पर रोकथाम, फसल बीमा और ऋण वितरण में पारदर्शिता और लाभों का त्वरित वितरण सुनिश्चित करना। सरकार का मानना है कि इससे कृषि क्षेत्र में डिजिटल ट्रैकिंग आसान होगी और पात्र किसानों को सीधे लाभ मिल सकेगा। किसानों के लिए यह
नया सिस्टम एक ओर जहां भविष्य की योजनाओं के लिए जरूरी है, वहीं वर्तमान में यह असुविधा और भ्रम की स्थिति भी पैदा कर रहा है। बिना समय पर पंजीयन कराए किसान समर्थन मूल्य का लाभ नहीं ले पाएंगे, जो कि उनके लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है।
ग्रामीण इलाकों में जानकारी की कमी बनी बाधा
paddy on support price: हालांकि इस व्यवस्था को लागू करने का उद्देश्य पारदर्शिता है, लेकिन ग्रामीण और सुदूर अंचलों में अभी भी कई किसान डिजिटल प्रक्रिया और जानकारी के अभाव के कारण पंजीयन नहीं करवा पाए हैं। ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द निकटतम च्वाईस सेंटर में जाकर अपना ई-केवाईसी और एग्रीस्टेक पंजीयन पूरा कराएं।