दरअसल, लोक अभियोजक ने बताया कि यह घटना दो वर्ष पूर्व कोड़ेनार थाना क्षेत्र के ग्राम छोटेकड़मा कोटवारपारा में हुई थी। आरोपी हरी बघेल, पिता दशरू बघेल, के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादवि) की धारा 450 (घर में अनधिकृत प्रवेश), 324 (स्वेच्छा से चोट पहुँचाना), और 302 (
हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच पूरी कर न्यायालय में मामला दाखिल किया था।
पत्नी ने दी गवाही
मामले की मुख्य गवाह और आरोपी की पत्नी, जो मृतिका रैमती बघेल की छोटी बहन है, ने न्यायालय में बताया कि दो वर्ष पहले रात करीब 8 बजे हरी बघेल ने धारदार टंगिया लेकर मृतिका के घर में अनधिकृत प्रवेश किया और उसने रैमती पर चिल्लाते हुए टंगिया से रैमती पर प्राणघातक हमला किया। प्रधान सत्र न्यायाधीश गोविंद नारायण जांगड़े ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयानों की समीक्षा के बाद हरी बघेल को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।