CG News: अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई
सबसे हैरानी की बात यह रही कि यात्री को दिए गए
टिकट पर न तो उसका नाम, न गंतव्य, और न यात्रा की दूरी अंकित थी—केवल एक अमाउंट लिखा था। इससे यह स्पष्ट होता है कि टिकट देने की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और यात्रियों को किराए की वास्तविक जानकारी से वंचित रखा जा रहा है। करीब 70 किलोमीटर की दूरी के लिए 122 रुपए वसूलना यात्रियों को अनुचित लग रहा है। पहले भी कई यात्रियों ने ट्रेवल्स की इस तरह की मनमानी पर नाराजगी जताई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
किराया सूची सार्वजनिक की जाए
CG News: अब सवाल यह उठता है कि आखिर निजी बस संचालकों की इस मनमानी पर लगाम कब लगेगी? क्या परिवहन विभाग और स्थानीय प्रशासन इन शिकायतों का संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करेगा? यात्रियों की मांग है कि किराया सूची सार्वजनिक की जाए, टिकट पर गंतव्य लिखा जाए, और किराया वसूली की निगरानी की जाए ताकि भविष्य में कोई ट्रेवल एजेंसी यात्रियों का शोषण न कर सके।