CG News: फारेस्ट के लिए वर्किंग परमिशन भी आ गई
दरअसल राज्य सरकार लगातार इस सडक़ को एनएच में अपग्रेड करवाने के लिए प्रयास कर रही थी। अब आखिरकार केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को फारेस्ट क्लियरेंस देते हुए एनएच का दर्जा भी दे दिया है। यह सड़क कितनी महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सड़क के डीपीआर के लिए ड्रोन से सर्वे किया गया। इंजीनियर्स की टीम ने फोर्स के साथ मिलकर पूरी रिपोर्ट तैयार की। पीडब्ल्यूडी के अफसर बताते हैं कि यह सड़क अबूझमाड़ के ऐसे इलाकों से गुजरने वाली है जहां पर जमीनी सर्वे आसान नहीं था इसलिए ड्रोन के जरिए सर्वे किया गया।
छत्तीसगढ़ के पार्ट में सड़क की चौड़ाई के लिए भूअर्जन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसके लिए तकरीबन 190 लोगों से जमीन अधिगृहीत की गई है। अफसर बताते हैं कि मोदी सरकार का कार्यकाल शुरू होते ही इस सड़क के लिए नोटिफिकेशन हुआ था। सीएम साय की लगातार कोशिशों की वजह से दिसंबर 2024 में फारेस्ट क्लीयरेंस हुआ था और अब फारेस्ट के लिए वर्किंग परमिशन भी आ गई है।
महाराष्ट्र सरकार ने अपने हिस्से की प्रक्रिया पूरी की
छत्तीसगढ़ सीमा से महाराष्ट्र में गढ़चिरौली को कनेक्ट करने वाली इस सडक़ के पार्ट की प्रक्रिया महाराष्ट्र सरकार ने भी पूरी कर ली है। सड़क 10 मीटर या कई जगह उससे चौड़ी भी बनेगी नेशनल हाईवे 130-डी की चौड़ाई घने जंगल-पहाड़ों से गुजरते हुए भी 10 मीटर या उससे अधिक होगी। सड़क के पूरी बन जाने के बाद अबूझमाड़ से गढ़चिरौली तक लोग सुगम यात्रा कर सकेंगे।
बस्तर के लिए बड़ी उपलब्धि
CG News: जीआर रावटे, चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी, बस्तर संभाग: कोण्डागांव-नारायणपुर-गढ़चिरौली स्टेट हाईवे को एनएच में अपग्रेड करवाने के लिए राज्य सरकार लंबे वक्त से प्रयासरत थी। मुख्यमंत्री स्वयं इस प्रोजेक्ट को लेकर लगातार केंद्र सरकार से संपर्क में थे। केंद्र सरकार ने अब फारेस्ट क्लियरेंस देते हुए एनएच का दर्जा भी दे दिया है। बस्तर के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। पूरी सड़क कोंडागांव से गढ़चिरौली महाराष्ट्र तक धुर नक्सल प्रभावित इलाके के बीच बनेगी। इसलिए इसका काम 9 चरणों में किया जाएगा। पहला चरण कोंडागांव से नारायणपुर (48.6 किमी), दूसरा चरण
नारायणपुर से गोटजमरी (करीब 10 किमी), तीसरा चरण गोटजमरी से अकाबेड़ा (करीब 7 किमी), चौथा चरण अकाबेड़ा से कस्तूरमेटा (करीब 5 किमी), पांचवां चरण कस्तूरमेटा से कुतुल (करीब 20 किमी) और छठवां चरण कुतुल से नीलांगुर महाराष्ट्र सीमा (करीब 22 किमी) होगा।
इनमें से ज्यादातर चरणों का टेंडर करके वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है। कुछ छोटे पैचेस की टेंडर प्रक्रिया अंतिम दौर में है। इस तरह, 112.5 किमी की इस सडक़ के निर्माण की कुल लागत 973 करोड़ रुपए आंकी गई है।
CG News: फोर्स व इंजीनियर्स की टीम ने मिलकर पूरी रिपोर्ट तैयार की
112.5 किमी की सड़क की लागत 973 करोड़ रुपए प्रदेश की पहली सड़क जिसका ड्रोन से किया गया सर्वे प्रोजेक्ट में इतने दुर्गम रास्ते कि जमीनी सर्वे नहीं था संभव अबूझमाड़ नागपुर जैसे महानगर से दो साल में होगा कनेक्ट