पुलिस के अनुसार नरसिंहपुर के गोटेगांव निवासी अंकित कुमार मेहरा और सिमरिया सिहोरा निवासी संतोष ठाकुर निजी माइक्रो फाइनेंस कपनी में रिलेशनशिप अफसर के पद पर कार्यरत थे। दोनों रिकवरी का भी काम देखते थे। कंपनी के नियम के मुताबिक अगर लोन लेने वाले महिला के पति की मृत्यु हो जाती है तो लोन माफ किए जाने का प्रावधान है। चूंकि कर्ज बीमा से सिक्योर रहता है, इसलिए दोनों ने अजीबोगरीब कारनामा करते हुए महिलाओं को कागजों में विधवा बना दिया। उसी आधार पर कंपनी से लोन माफ कराया और बीमा की राशि भी हड़प गए।
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कंपनी के प्रबंधन की शिकायत पर पनागर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आर्थिक धोखाधड़ी, गबन और साजिश रचने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। कपनी की पकड़ में अभी तक आधा दर्जन मामले आए हैं। लोन लेने वाली इन महिलाओं के पति की मृत्यु सबंधी फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उसे कपनी में पेश कर दिया। पुलिस का कहना है कि अभी और केस सामने आएंगे।
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महिलाओं की भूमिका की भी होगी जांच
पुलिस के अनुसार अभी कपनी की ओर से उन महिलाओं के बारे में कुछ नहीं बताया गया है, जिनके नाम से लोन माफ हुए थे। इस प्रकरण में उनकी क्या भूमिका थी इसकी जांच की जा रही है। अगर मिलीभगत सामने आई तो आरोपियों की संया बढ़ सकती है। उधर, कपनी अपनी अन्य शाखाओं में भी इस तरह के फर्जीवाड़े की आशंका के आधार पर जांच करा रही है।