बदबू मार रहे कचरे के पहाड़ से खाली होगी 17 एकड़ जमीन, ‘मुस्कुराएगा’ हरा-भरा उद्यान

innovation : पर्यावरण संतुलन
विशेषज्ञों के अनुसार किसी एक स्पॉट पर लम्बे समय तक भारी मात्रा में कचरा इकट्ठा रहने से वहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इसलिए पर्यावरण संतुलित रखने के लिए कठौंदा के डम्पिंग ग्राउंड पर पार्क बनाने का निर्णय लिया गया है।innovation : ऐसे बना डम्पिंग ग्राउंड
कठौंदा के वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में शहर से रोजाना औसतन 450 से 500 टन कचरा प्रोसेसिंग के लिए आता है। इसके अलावा आसपास के शहरों से लेकर उत्तर प्रदेश तक के शहरों से निकला कचरा यहां प्रोसेसिंग के लिए लाया जाता है। जलाऊ कचरे का उपयोग वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। कॉन्क्रीट, ईंट व अन्य टूट-फूट का मटेरियल सीएंडडी प्लांट चला जाता है। इसके अलावा जो कचरा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में उपयोग नहीं किया जा सकता, उसका ढेर लगता जाता है। इसी कचरे का डम्पिंग ग्राउंड में पहाड़ बन गया। पर्यावरण विशेषज्ञों ने बताया कि किसी एक ही स्थान पर लम्बे समय तक कचरा इकट्ठा रहने से क्षेत्रीय पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचाता है।Read more – जबलपुर विश्व के सबसे महंगे जापानी आम, रखवाली में लगे जर्मन शेफर्ड

innovation : इनका कहना है
कठौंदा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के पास कचरे के डम्पिंग ग्राउंड को खत्म कर सिटी लेवल पार्क बनाया जाएगा। विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लेकर क्षेत्र के अनुकूल पौधे लगाए जाएंगे। 16 करोड़ रुपए की लागत से जमीन खाली करने और पौधरोपण कर पार्क विकसित करने के काम किए जाएंगे।- प्रीति यादव, आयुक्त नगर निगम