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जबलपुर

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एमपी की श्वेता ने खींचा सबका ध्यान, जानें क्यों हो रही चर्चा

International Yoga Day 2025: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मध्यप्रदेश की श्वता दुबे ने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया और चर्चा में आ गईं। योग एक्सपर्ट श्वेता ने किया एक्वा योग, बताया सामान्य और पानी में योगाभ्यास में क्या अंतर, कैसे है फायदेमंद…

जबलपुरJun 21, 2025 / 10:11 am

Sanjana Kumar

International Yoga Day 2025 Shweta Dubey Aqua Yoga Practice

International Yoga Day 2025 Shweta Dubey Aqua Yoga Practice (फोटो सोर्स: वायरल वीडियो स्क्रीनशॉट)

International Yoga Day 2025: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मध्य प्रदेश ने कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराकर देशभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। लेकिन इस साल एमपी की संस्कारधानी जबलपुर ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।

पानी में किया योग, बोलीं ये है एक्वा योग प्रेक्टिस

योग एक्सपर्ट श्वेता दुबे ने सामान्य योग से इतर एक्वा योगाभ्यास कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पानी में योगाभ्यास किया। उन्होंने बताया कि एक्वा योग प्रेक्टिस से ना केवल शारीरिक व्यायाम होता है, बल्कि ये शरीर की सभी इंद्रियों को नियंत्रित कर मन, मस्तिष्क और शरीर के बीच गजब का तालमेल स्थापित करता है। जिससे मन शांत रहता है, काया सुंदर और विचार शुद्घ हो जाते हैं।

10 साल की उम्र से योगाभ्यास कर रही हैं श्वेता दुबे

श्वेता बताती हैं कि वो 10 साल की थीं, तब से योगाभ्यास कर रही हैं। आज वो एक योगा ट्रेनर हैं और बच्चों के साथ ही आम लोगों को योगाभ्यास की प्रेक्टिस करवाती हैं।

सामान्य योग प्रेक्टिस और एक्वा योग प्रेक्टिस दोनों में बड़ा फर्क

योग एक्सपर्ट श्वेता का कहना है कि सामान्य योगाभ्यास जमीन पर किया जाता है। जबकि एक्वा योग पानी में किया जाने वाला योगाभ्यास है। दोनों ही योगाभ्यासों में बड़ा फर्क है। इस फर्क को बताते हुए श्वेता कहती हैं कि, जमीन पर योगाभ्यास करने के दौरान अक्सर लोगों का ध्यान भटक जाता है, ऐसे में योगाभ्यास के दौरान ध्यान में रहने की प्रक्रिया बार-बार टूटती है। वहीं ज्यादातर लोगों का लाइफ शेड्यूल बिजी है, तो नियमित अभ्यास के बिना ध्यान लगाना नामुमकिन है। ऐसे में आप चाहे जिस मुद्रा का या आसन का योगाभ्यास करें, आमतौर पर लोगों को उसका फायदा पूरी तरह से नहीं मिल पाता।

पानी में योग बन जाता है साधना

श्वेता कहती हैं कि जबकि यदि हम पानी में योगाभ्यास करें तो, ध्यान दें कि पानी में बैठने के लिए या खड़े होने के लिए आपको सबसे पहले बैलेंस बनाने की जरूरत होती है। जैसे ही आपका बैलेंस बनता है योगाभ्यास की सही प्रक्रिया वहीं से शुरू हो जाती है। अब आप चाहे जिस मुद्रा या आसन की प्रेक्टिस करें, आपका पूरा ध्यान बैलेंस पर रहेगा और आप बेहतर तरीके से योगाभ्यास करेंगे। इस तरह योग का सबसे बड़ा फायदा यही है कि आप को योग की हर मुद्रा या आसन की प्रेक्टिस से मिलने वाले फायदे जल्द मिलने लगेंगे।

पारम्परिक टेक्नीक हो रही हैं प्रचलित

श्वेता बताती हैं कि ये टेक्नीक नई नहीं है, बल्कि पारंपरिक है। जो अब प्रचलन में आ रही हैं। लोग इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। एक्वा योग के लाभ ले रहे हैं।

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