पेट दर्द और पाचन संबंधी बीमारियां भी बढ़ीं
बारिश के चलते सिर्फ सर्दी-जुकाम ही नहीं, बल्कि पेट दर्द, उल्टी-दस्त और अपच जैसी समस्याएं भी तेजी से बढ़ी हैं। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण वे संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। खुले व दूषित पानी के संपर्क में आने, बारिश के पानी में भीगने और बाहर का खाना खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं।
स्कूली बच्चे ज्यादा प्रभावित
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों के एक-दूसरे के संपर्क में आने से संक्रमण तेजी से फैलता है। कई अभिभावक बच्चों को सर्दी-जुकाम होने पर भी स्कूल भेज देते हैं। बच्चे अनजाने में सावधानियां नहीं रख पाते। ऐसे में संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण की शिकायत होने पर बच्चों को घर पर ही आराम दें और घर पर भी अन्य बच्चों से दूर रखें।
30 फीसदी तक बढ़े मामले
बारिश के कारण जलजनित बीमारियों की आशंका भी लगातार बनी हुई है। जिला अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, बीते दो सप्ताह में सर्दी-जुकाम, वायरल बुखार, उल्टी-दस्त और पेट दर्द के मामले 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता बरतने की अपील की है।
डॉक्टरों की सलाह
-बच्चों को साफ और उबालकर ठंडा किया गया पानी पिलाएं। -बारिश के पानी से बचाएं, भीगने पर तुरंत कपड़े बदलें। -बाहर का खाना पूरी तरह टालें। -इयूनिटी बढ़ाने वाले आहार जैसे मौसमी फल, नींबू, तुलसी, अदरक का सेवन कराएं। -हल्के लक्षण दिखने पर भी डॉक्टर की सलाह लें।
अभिभावक भी रहें सतर्क
विशेषज्ञों ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे मौसम की अनदेखी न करें और बच्चों में दिखने वाले शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से लें। घर में साफ-सफाई रखें और बच्चों को बार-बार हाथ धोने की आदत डालें। उनका स्कूल बैग, वॉटर बॉटल नियमित रूप से साफ कर सेनिटाइज करें। मौसम में बदलाव के चलते वायरल फीवर का अटैक बढ़ गया है। खासकर बच्चों में पेट दर्द, उल्टी दस्त के केस भी सामने आ रहे हैं। रोजाना बच्चे ओपीडी में आ रहे हैं। पानी से होने वाली बीमारियां सबसे ज्यादा हो रही हैं। – डॉ. अरविंद शर्मा, सुप्रिटेंडेंट, नेताजी सुभाषचंद बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल