अमित शाह ने की नई पॉलिसी लॉन्च
सहकारिता मंत्री अमित शाह (Cooperative Minister Amit Shah) ने गुरुवार को अक्षय ऊर्जा भवन में नई सहकारी नीति 2025 को लांच करते हुए कहा कि वर्ष 2020 से पहले कुछ लोगों ने सहकारिता को मृतप्राय क्षेत्र घोषित कर दिया था। लोग कहते थे, ‘सहकारिता का फ्यूचर नही है’, आज मैं कहता हूं ‘सहकारिता का ही फ्यूचर है।’ नईनीति में 2025 के तहत देश में 50 करोड़ लोगों को सहकारिता से जोड़कर उन्हें सक्रिय सदस्य बनाने की तैयारी है। रोजगार की दिशा में यह अब तक का सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा। सरकार का लक्ष्य है कि 2034 तक सहकारिता से देश की जीडीपी में तीन गुना योगदान बढ़ाया जाए। मंत्री ने कहा कि 2002 के बाद 2025 में भी भाजपा सरकार ही नई सहकारिता नीति लाई है। नई नीति आने वाले 25 साल तक सहकारिता क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करेगी।
सुरेश प्रभु की कमेटी ने बनाई नीति
सहकारिता क्षेत्र में गहरा अनुभव रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु (Former Union Minister Suresh Prabhu) के नेतृत्व वाली 40 सदस्यों की समिति ने नेताओं, विशेषज्ञों और शिक्षाविदों से बात कर यह नीति तैयार की। समिति को 750 सुझाव मिले और फिर आरबीआई और नाबार्ड के साथ मीटिंग कर समिति ने नीति को अंतिम रूप दिया।
सहकारी समितियों से दवा, तेल, गैस सब मिलेगा
नीति के अनुसार गांव-गांव खुलने वाली प्राथमिक ऋण सहकारी समितियों(पैक्स) पर दवा, डीजल-पेट्रोल और एलपीजी सब कुछ मिलेगा। अब तक 4108 पैक्स को जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति मिल चुकी है। 393 पैक्स ने पेट्रोल और डीज़ल के रिटेल आउटलेट तो 100 से अधिक पैक्स ने एलपीजी वितरण के लिए आवेदन किया है। नई नीति में फोकस
- हर 10 साल में कानून में आवश्यक बदलाव की व्यवस्था
- सहकारिता उत्पादों का होगा निर्यात, तंत्र विकसित होगा
- मौजूदा 8.30 लाख समितियों में 30% की बढ़ोतरी होगी
- प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक प्राथमिक सहकारी इकाई
- सहकारी समितियों के लिए एक क्लस्टर और मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित होगा
- कंप्यूटरीकरण से पारदर्शिता को बढ़ावा