मंदिर समिति निर्माण प्रमुख विपिन चांडक ने बताया कि कार्य की लागत प्रभु इच्छा पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि राजस्थान से क्रिस्टल व्हाइट आस्ट्रेलियन पत्थर बुलाए गए हैं। गर्भग्रह के भीतर पत्थरों को आकार देने और नक्काशी का काम राजस्थानी कारीगर करेंगे।
क्या है क्रिस्टल वाइट ऑस्ट्रेलियाई पत्थर?
क्रिस्टल व्हाइट ऑस्ट्रेलियाई पत्थर क्वार्ट्ज पत्थर का एक प्रकार है। जो ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, जर्मनी और भारत में पाया जाता है। पत्थर की प्रमुख विशेषता है कि यह आमतौर पर सफेद रंग का होता है और यह कई प्रकार के क्रिस्टलीय संरचनाओं में पाया जाता है। यह एक कठोर पत्थर है। इसलिए टिकाऊ होता है। इसका उपयोग काउंटरटॉप्स, फर्श, दीवारों और सजावट के लिए किया जाता है। इसकी सतह पर धूल जमा नहीं होती। इसलिए इसे साफ करना आसान होता है। माना जाता है यह पत्थर शांति, स्थिरता और सुंदरता को बढ़ावा देता है। यह भी पढ़े –
केदारनाथ में MP का डॉक्टर बना ‘भगवान’, बुजुर्ग की बचाई जान, वीडियो वायरल गर्भग्रह में निर्माण के लिए किया यह बदलाव
श्री द्वारकाधीश मंदिर की रात्रि कालीन सायं आरती आगामी सूचना तक रात्रि 9.30 की बजाय अब 9 बजे होगी। गर्भ ग्रह का निर्माण कार्य रात 10 बजे से सुबह तक किया जाएगा। यह प्रक्रिया निरंतर चलेगी। कितने समय में कार्य पूर्ण होगा अभी नहीं बताया गया है। इसलिए शयन आरती के बाद प्रतिदिन काम शुरू होगा।
करोड़ों के मालिक है द्वारिकाधीश
मंदिर के गर्भगृह में किसी अन्य को प्रवेश की अनुमति नहीं थी। पहली बार निर्माण के चलते कारीगरों का प्रवेश होगा। यहां जन्माष्टमी पर शहर का सबसे बड़ा आयोजन होता है। मंदिर में विघ्न रहित कसौटी की मूर्ति अद्वितीय है। भगवान द्वारिकाधीश करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं।