कोर्ट ने एनटीए के साथ केंद्र सरकार और बिजली कंपनी को भी नोटिस जारी किए हैं। सभी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई जून के अंतिम सप्ताह में होगी, तब तक नीट यूजी का परिणाम घोषित नहीं हो सकेगा। देशभर में रविवार 4 मई को एनईईटी-यूजी की परीक्षा हुई थी।
बिजली गुल होने से अंधेरे में दी परीक्षा
इस परीक्षा के लिए इंदौर में 24 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा के दिन जोरदार बारिश हुई। शहर में 100 किमी प्रतिघंटे से ज्यादा गति से हवा चली। इससे शहर में बिजली और यातायात व्यवस्था बुरी तरह ध्वस्त हो गई। परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने से कई परीक्षा केंद्रों में अंधेरा छा गया। बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से कई केंद्रों पर डॉक्टर बनने का सपना लेकर परीक्षा देने पहुंचे परीक्षार्थियों को मोमबत्ती की रोशनी में परीक्षा देनी पड़ी। कई केंद्रों पर तो मोमबत्ती का इंतजाम भी नहीं हो सका था।
मौसम की मार व अव्यवस्था का शिकार
इंदौर में बिगड़े मौसम और सेंटर्स पर अव्यवस्थाओं ने विद्यार्थियों की परीक्षा को परेशानीभरा कर दिया था। कई केंद्रों पर बिजली गुल हो गई, जिससे परीक्षार्थी अंधेरे में बैठने को मजबूर हुए। कई कक्ष ऐसे थे, जहां प्राकृतिक रोशनी तक नहीं पहुंच रही थी। ऐसे में विद्यार्थी पेपर ही नहीं पढ़ पाए। कई कमरों में कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा था। इससे जो प्रश्न वे 1-2 मिनट में हल कर लेते थे, उसमें 3-4 मिनट लगे। लगभग आधे घंटे बाद हर कमरे में एक-एक कैंडल दी गई, जिसकी रोशनी भी पर्याप्त नहीं थी। जनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे विद्यार्थियों का कीमती समय और मेहनत दोनों पर पानी फिर गया। कई परीक्षा सेंटर्स में बारिश का पानी खिड़कियों से अंदर आ रहा था। विद्यार्थियों की ओएमआर शीट भी गीली हो गई। बच्चे इस शीट को बचाने की कवायद करते रहे। उनका करीब 40 फीसदी पेपर छूट गया था।
ये भी पढ़ें: मंत्री विजय शाह के इस्तीफे पर सस्पेंस, सियासी भविष्य पर दिल्ली में मंथन नहीं दिया जवाब
अव्यवस्था पर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में वकील मृदुल भटनागर ने याचिका लगाई। 13 मई को कोर्ट ने एनटीए से पूछा था-वह क्या कदम उठा रही है। गुरुवार को कोर्ट को बताया, जवाब नहीं आया है। अंतरिम राहत मांगी। कोर्ट ने नोटिस जारी कर सभी पक्षों से 4 सप्ताह में जवाब मांगा।