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Heart Attack At Home : घर में किसी को पड़े हार्ट अटैक? ये 5 स्टेप्स तुरंत अपनाएं, बच सकती है जान

Heart Attack At Home : हार्ट अटैक में हर पल कीमती होता है। जरा सी भी देरी जानलेवा हो सकती है। तो आइए जानें कि हार्ट अटैक के दौरान आपको क्या करना चाहिए ताकि आप किसी के लिए जीवन बचाने वाले बन सकें।

भारतJul 10, 2025 / 01:23 pm

Manoj Kumar

Heart Attack At Home

Heart Attack At Home : घर में किसी को पड़े हार्ट अटैक? ये 5 स्टेप्स तुरंत अपनाएं, बच सकती है जान (फोटो सोर्स : Freepik)

Heart Attack At Home : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हार्ट अटैक (Heart Attack) एक ऐसा दुश्मन बन गया है जो कभी भी किसी को भी अपना शिकार बना सकता है। यह सिर्फ बड़े-बुज़ुर्गों की नहीं बल्कि युवाओं की भी जान ले रहा है। हम रोज ऐसी घटनाओं के बारे में सुनते हैं जहां किसी ने नाचते-नाचते या काम करते हुए ही दम तोड़ दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सही समय पर दिया गया प्राथमिक उपचार (First Aid) किसी की जिंदगी बचा सकता है? जब दिल का दौरा पड़ता है तो हर एक पल कीमती होता है। जरा सी देर भी जानलेवा साबित हो सकती है। तो आइए आज हम जानते हैं कि हार्ट अटैक (Heart Attack) के दौरान आपको क्या करना चाहिए ताकि आप किसी का जीवन बचाने वाले बन सकें।

आखिर Heart Attack है क्या?

हमारा दिल एक पंप की तरह लगातार काम करता रहता है जो शरीर के हर हिस्से तक खून पहुंचाता है। जब दिल को खुद ही पर्याप्त खून नहीं मिल पाता तो उसके कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचने लगता है। इसी को हार्ट अटैक (Heart Attack) या मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन कहते हैं। अगर खून का बहाव तुरंत ठीक न हो तो दिल का वो हिस्सा हमेशा के लिए खराब हो सकता है या फिर ये स्थिति जानलेवा भी बन सकती है।

लक्षणों को पहचानें: कहीं आप इन्हें नजरअंदाज तो नहीं कर रहे?

हार्ट अटैक (Heart Attack) के लक्षण हर किसी में एक जैसे नहीं होते। कई बार लोग इसे गैस या बदहजमी समझकर टाल देते हैं जो बहुत खतरनाक हो सकता है। कुछ आम और जरूरी लक्षण जिन्हें पहचानना बेहद जरूरी है:
सीने में तेज या हल्का दर्द: यह दर्द छाती के बीच में या बाई ओर हो सकता है। अक्सर भारीपन, कसाव या दबाव महसूस होता है, जैसे किसी ने सीने पर कोई भारी चीज रख दी हो। यह दर्द हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ तक भी फैल सकता है।
रोजाना की ये 5 आदतें बचा सकती है हार्ट अटैक से

सांस लेने में तकलीफ: सांस फूलना या घुटन महसूस होना।

चक्कर आना या बेहोशी: अचानक कमजोरी महसूस होना या आंखें धुंधला जाना।
ठंडा पसीना: बिना किसी वजह के अचानक पसीना आना।

जी मिचलाना या उल्टी: पेट में गड़बड़ या उल्टी की इच्छा होना।

अजीब सी बेचैनी: बिना किसी कारण के शरीर में असहज महसूस करना।
खांसी या घरघराहट: लगातार खांसी आना या सांस लेते समय अजीब सी आवाजें आना।

अगर कोई बन जाए हार्ट अटैक का शिकार, तो क्या करें?

अगर आपके सामने किसी व्यक्ति हार्ट अटैक को हार्ट अटैक आ रहा है तो घबराना नहीं बल्कि तुरंत इन कदमों को उठाना है:

1. तुरंत मदद बुलाएं और शांत रहें:

    सबसे पहला काम है तत्काल एम्बुलेंस बुलाना )। घबराएं नहीं और न ही मरीज को घबराने दें। उसे शांत रखने की कोशिश करें। अगर मुमकिन हो तो उसे आराम से बिठा दें जमीन पर, पीठ के बल दीवार से टेक लगाकर और घुटनों को मोड़कर। यह स्थिति दिल पर दबाव कम करती है और गिरने पर चोट लगने से बचाती है।

    2. एस्पिरिन या नाइट्रोग्लिसरीन दें

      एस्पिरिन: अगर मरीज को एस्पिरिन से एलर्जी नहीं है और उसकी उम्र 16 साल से ज्यादा है, तो उसे 300 मिलीग्राम एस्पिरिन चबाने के लिए दें। एस्पिरिन खून को पतला करती है और खून के थक्के बनने से रोक सकती है जिससे दिल में खून का बहाव बेहतर हो सकता है। यह किसी भी मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाती है।

      3. अगर बेहोश हो जाए तो तुरंत CPR (सीपीआर) शुरू करें:

        अगर व्यक्ति बेहोश हो जाए और सांस लेना बंद कर दे तो एक भी पल गंवाए बिना सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) शुरू करें। यह जीवन बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है।
        छाती को दबाएं (Chest Compressions): पीड़ित के बगल में घुटने टेक कर बैठें। अपनी एक हथेली को व्यक्ति के सीने के बीच में (छाती की हड्डी के निचले आधे हिस्से पर) रखें। दूसरी हथेली को पहली हथेली के ऊपर रखें और उंगलियों को आपस में फंसा लें।
        अपनी बाहों को सीधा रखते हुए पीड़ित के ऊपर झुकें और तेजी से (लगभग 100-120 बार प्रति मिनट) और जोर से (लगभग 5-6 सेंटीमीटर गहरा) छाती को दबाएं। हर बार दबाने के बाद छाती को पूरी तरह से ऊपर आने दें।
        मुंह से सांस दें (Rescue Breaths): 30 बार छाती दबाने के बाद, दो बार सांस दें। इसके लिए एक हाथ माथे पर रखें और दूसरे हाथ की दो उंगलियों से ठोड़ी को हल्का ऊपर उठाएं ताकि सांस नली खुल जाए। अपनी उंगली और अंगूठे से पीड़ित की नाक बंद करें और अपने होंठों से उसके मुंह को पूरी तरह ढक लें। एक लंबी सांस अंदर खींचें और व्यक्ति के मुंह में इतनी हवा फूंकें कि उसकी छाती ऊपर उठे।
        अगर आप मुंह से सांस नहीं दे पा रहे हैं, तो केवल लगातार छाती को दबाते रहें। यह तब तक करते रहें जब तक व्यक्ति सांस लेना शुरू न कर दे या आपातकालीन सहायता न पहुंच जाए।

        क्या न करें, यह भी जान लें:

        मरीज को अकेला न छोड़ें: जब तक मदद के लिए जाना बेहद जरूरी न हो, मरीज को अकेला कभी न छोड़ें।

        लक्षणों को हल्के में न लें: यह न सोचें कि लक्षण अपने आप ठीक हो जाएंगे।
        कुछ खाने-पीने को न दें: एस्पिरिन या डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा के अलावा मरीज को कुछ भी खाने या पीने को न दें।

        याद रखें: हार्ट अटैक (Heart Attack) एक ऐसी आपात स्थिति है जहां आपकी सूझबूझ और ये कुछ कदम किसी की जान बचा सकते हैं। डॉक्टर या एम्बुलेंस का इंतजार करने की बजाय तुरंत प्राथमिक उपचार देना शुरू करें। उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए बेहद काम की साबित होगी और आप किसी मुश्किल घड़ी में एक फरिश्ता बनकर उभरेंगे

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