script19.81 लाख की स्टांप ड्यूटी में उप पंजीयक की भूमिका, गुना के वरिष्ठ जिला पंजीयक करेंगे विभागीय जांच | पटेल नगर की व्यवसायिक भूमि का आवासीय में रजिस्ट्री किए जाने के मामले में उप पंजीयक की मुश्किल बढ़ गई है। पंजीयन महानिरीक्षक कार्यालय भोपाल ने उप पंजीयक कैलाश नारायण वर्मा की विभागीय जांच गुना के वरिष्ठ जिला पंजीयक को सौंपी है। | Patrika News
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19.81 लाख की स्टांप ड्यूटी में उप पंजीयक की भूमिका, गुना के वरिष्ठ जिला पंजीयक करेंगे विभागीय जांच

पटेल नगर की व्यवसायिक भूमि का आवासीय में रजिस्ट्री किए जाने के मामले में उप पंजीयक की मुश्किल बढ़ गई है। पंजीयन महानिरीक्षक कार्यालय भोपाल ने उप पंजीयक कैलाश नारायण वर्मा की विभागीय जांच गुना के वरिष्ठ जिला पंजीयक को सौंपी है।

ग्वालियरJul 26, 2025 / 07:00 pm

Balbir Rawat

Gwalior Registration Department

Gwalior Registration Department

पटेल नगर की व्यवसायिक भूमि का आवासीय में रजिस्ट्री किए जाने के मामले में उप पंजीयक की मुश्किल बढ़ गई है। पंजीयन महानिरीक्षक कार्यालय भोपाल ने उप पंजीयक कैलाश नारायण वर्मा की विभागीय जांच गुना के वरिष्ठ जिला पंजीयक को सौंपी है। शासन की ओर से प्रस्तुत कर्ता अधिकारी उप पंजीयक मनोज सिहारे को बनाया गया है। यह जांच 19 लाख 81 हजार रुपए की स्टांप ड्यूटी चोरी के मामले की जा रही है।
पटेल नगर रोड पर स्थित 6 हजार 331 वर्गफुट (सिल्वर ओख होटल के पास) के व्यवसायिक प्लॉट की रजिस्ट्री पंजीयन विभाग में की गई। प्लॉट के एग्रीमेंट व पावर ऑफ अटॉर्नी में संपत्ति व्यवसायिक लिखी हुई थी, लेकिन जब 28 फरवरी 2024 को प्लॉट की रजिस्ट्री की गई तो व्यवसायिक प्लॉट को रोड से हटकर अंदर बताया गया। आवासीय भूमि की स्टांप ड्यूटी लगाई। इसके के साथ दस्तावेज लगाए, उन्हें उप पंजीयक न हीं देखा। न फोटो देखा। रजिस्ट्री कर दी। इससे शासन को 19 लाख 81 हजार रुपए का नुकसान हुआ। पत्रिका के खुलासे के बाद कलेक्टर ने प्राथमिक जांच कराई थी। जिला पंजीयक ने जांच कर रिपोर्ट कलेक्टर को दी। इस रिपोर्ट में उप पंजीयक की संलिप्तता बताई। कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट पंजीयन महानिरीक्षक भोपाल को भेज दी थी। पंजीयन महानिरीक्षक ने आरोप पत्र देकर उप पंजीयक से जवाब मांगा था। अब गुना के वरिष्ठ जिला पंजीयक को विभागीय जांच दी गई है।

एफआईआर के लिए न्यायालय में लंबित है परिवाद

– ई पंजीयन संख्या एमपी142592021 ए4210883 के तहत जय व अजय यादव ने 1 मार्च 2021 को सुभाष चतुर्वेदी के नाम मुख्तयारनामा (पावर ऑफ अटॉर्नी) संपादित की।
– ई पंजीयन संख्या एमपी 142592024 ए4231970 में 23 फरवरी 2024 को दो पक्षकारों ने उप पंजीयक मानवेंद्र भदौरिया के यहां अपना मुख्तयारनामा निरस्त कर दिया। दो लोगों ने पावर ऑफ अटॉर्नी निरस्त कर दी, उसके बाद भी रजिस्ट्री कर दी गई। पावर ऑफ अटॉर्नी विवादित हो गई थी।
– ई पंजीयन संख्या 142592024ए1256494 में 28 फरवरी 2024 को सुभाष चतुर्वेदी ने प्लॉट को सुनीता शर्मा पत्नी हरीश शर्मा को बेच दिया।

– सरकार को हुई आर्थिक हानि की शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई है। जय व अजय यादव ने फर्जी तरीके से रजिस्ट्री का आरोप लगाते हुए शिकायत पुलिस थाने में की है, लेकिन पुलिस ने शिकायत नहीं की तो जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया है। इस परिवाद में बहस हो चुकी है। आदेश होना है।

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