दरअसल नगर निगम ने 6 मई 2025 को कंप्रेंस्ट बायोगैस प्लांट व वेस्ट टू एनर्जी को प्रोजेक्ट को पूरा करने की एक टाइम लाइन बनाकर दी थी। इस टाइम लाइन के अनुसार अक्टूबर 2027 में प्रोजेक्ट को काम शुरू करना था। इन प्रोजेक्ट में तेजी आ सके, उसके लिए हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों के बीच समन्वय के लिए बैठक के निर्देश दिए। जिससे सभी अधिकारियों प्रोजेक्ट की प्रगति का पता रहे। जब हाईकोर्ट में सुनवाई हो तो पूरी जानकारी न्यायालय के समक्ष रखी जा सके। निगम ने वेस्ट टू एनर्जी की डीपीआर भोपाल भेजने की जानकारी न्यायालय में पेश की। इसको लेकर अतिरिक्त महाधिवक्ता से सवाल किया तो उन्होंने जानकारी नहीं होने की बारे में बताया। इसको लेकर कोर्ट ने कहा कि अभी निगम को लंबा रास्ता तय करना है। इसलिए अपने काम के तरीके को बदलें।
क्या है मामला
सरताज सिंह तोमर ने केदारपुर पर लगे कचरे को ढेर को लेकर जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि लैंडफिल साइट के आसपास कई संस्थान है और कॉलोनी है, लेकिन कचरे की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। – हाईकोर्ट ने इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए न्याय मित्र की नियुक्ति की है। जिससे न्याय मित्र कोर्ट को असिस्ट किया जा सके। – कंप्रेंस्ट बायोगैस प्लांट व वेस्ट टू एनर्जी को प्रोजेक्ट के लिए नीम चंदोहा व केदारपुर पर जमीन का आवंटन हो चुका है।
6 लाख टन कचरा एकत्रित, हर 500 टन पहुंचा
-2025 में शहर की आबादी 15 लाख 62 हजार है। आबादी के हिसाब से शहर में कचरे की मात्रा बढ़ी है। लैंड फिल साइट पर 6 लाख टन कचरे का पहाड़ पहले से लगा हुआ है। 500 टन कचरा हर दिन केदारपुर साइट पर पहुंच जाता है।
- निस्तारण कम है। कचरे की आवक ज्यादा है। इस कारण शहर के लिए कचरा बड़ी चुनौती बनेगा। इसके अलावा शहर के अंदर खाली जमीन व प्लॉट में कचरे के ढेर अलग लगे हुए हैं। हाईकोर्ट ने निगमायुक्त को जब निरीक्षण के लिए भेजा तो मुरार सर्किट हाऊस के पास ढेर मिला था।